नयी दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा) दिल्ली रेरा के चेयरमैन आनंद कुमार ने कहा है कि पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने में रियल एस्टेट कंपनियों और नियामक प्राधिकरणों के बीच सहयोग जरूरी है।
उन्होंने यह भी कहा कि आगामी रेरा (रियल एस्टेट नियामकीय प्राधिकरण) दिशानिर्देशों का उद्देश्य भवन मानदंडों के अनुपालन को सुनिश्चित करते हुए खरीदारों और कंपनियों के बीच विश्वास बढ़ाना है।
रियल एस्टेट कंपनियों के शीर्ष निकाय नारेडको की दिल्ली इकाई की हाल में आयोजित बैठक में उन्होंने यह बात कही।
नारेडको के बुधवार को जारी बयान के अनुसार, बैठक में दिल्ली में रियल एस्टेट के समक्ष चुनौतियों के उपयुक्त समाधानों पर चर्चा की गयी और इस क्षेत्र को पटरी पर लाने के लिए व्यापक सुधारों पर जोर दिया गया।
कुमार ने इस मौके पर कहा, ‘‘पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए कंपनियों और नियामक प्राधिकरणों के बीच सहयोग महत्वपूर्ण है।’’
उन्होंने आगामी रेरा दिशानिर्देशों का जिक्र किया, जिसका उद्देश्य भवन मानदंडों के अनुपालन को सुनिश्चित करते हुए खरीदारों और डेवलपर के बीच विश्वास बढ़ाना है।
कुमार ने नारेडको की पहल की सराहना करते हुए विश्वास जताया कि संगठन की दिल्ली इकाई के सक्रियता से उठाये गये कदमों और कार्यबल के गठन से राष्ट्रीय राजधानी में टिकाऊ और समावेशी विकास को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी हरि बाबू ने कहा, “दिल्ली केवल राजनीतिक राजधानी नहीं है। इसे वैश्विक रियल एस्टेट और व्यावसायिक राजधानी बनने की जरूरत है। बुनियादी ढांचे में देरी और किफायती आवास की बाधाओं जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करके हम शहर को शहरी विकास के मामले में फिर से सबसे आगे ला सकते हैं।”
नारेडको की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन बंसल ने कहा, “हमें दिल्ली को फिर से सुर्खियों में लाने के लिए बुनियादी ढांचे और शहरी नियोजन के प्रति अपने दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा, “इस समस्या का समाधान करने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) और निजी डेवलपर के प्रतिनिधियों से बने संयुक्त कार्य बल का गठन महत्वपूर्ण है।”
भाषा अनुराग रमण
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