उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के उपकरणों की आपूर्तिकर्ताओं को संरक्षण की जरूरत: उद्योग जगत

उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के उपकरणों की आपूर्तिकर्ताओं को संरक्षण की जरूरत: उद्योग जगत

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  • Publish Date - September 30, 2024 / 04:49 PM IST,
    Updated On - September 30, 2024 / 04:49 PM IST

नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) उद्योग जगत ने सोमवार को कहा कि टिकाऊ उपभोक्ता सामान के लिए उपकरण बनाने वाली कंपनियों को शुल्क या गैर-शुल्क बाधाओं से संरक्षित किया जाना चाहिए, ताकि वे भारत में स्थानीयकरण को सफल बनाने के लिए निवेश कर सकें।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक और टिकाऊ सामान पर आयोजित शिखर सम्मेलन में उद्योग प्रतिनिधियों ने कहा कि मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) को लागत कम करने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी होने को लेकर घरेलू उद्योग के लिए आपूर्तिकर्ता परिवेश विकसित करने में भी निवेश करना होगा।

गोदरेज अप्लायंसेज के कारोबार प्रमुख और कार्यकारी उपाध्यक्ष कमल नंदी ने सम्मेलन में कहा, ‘‘उपकरण विक्रेताओं को निवेश करने के लिए विश्वास दिलाने को लेकर संरक्षण होनी चाहिए। इसलिए शुल्क बाधाएं बेहद महत्वपूर्ण है।’’

रेफ्रिजरेटर के लिए कम्प्रेसर का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ देश में 1.8 करोड़ की क्षमता के साथ हम अब भी रेफ्रिजरेटर कम्प्रेसर का आयात करते हैं, जबकि बाजार केवल 1.4 करोड़ का है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ क्षमता होने के बावजूद हम इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं और हम स्वदेशीकरण की बात कर रहे हैं।’’

नंदी ने कहा, ‘‘ हमें शुल्क बाधाएं या गैर-शुल्क बाधाएं खड़ी करनी होंगी, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इस परिवेश में आने वाले विक्रेता विनिर्माण में निवेश करने और परिवेश का हिस्सा बनने को लेकर आश्वस्त हों।’’

उन्होंने कहा कि इन घटकों के विनिर्माण की लागत चीन से प्राप्त होने वाले घटकों की तुलना में अधिक है और यह उद्योग के समक्ष बड़ी चुनौतियों में से एक है।

कैरियर एयरकंडिशनिंग एंड रेफ्रिजरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सुंदरेशन नारायणन ने भारत में उपकरणों का स्थानीयकरण करते समय पैमाने के महत्व पर बल दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘ जब भी हम कंप्रेसर जैसे उच्च तकनीकी उत्पाद का स्थानीयकरण या स्थानीय विनिर्माण करने का प्रयास करते हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि हम इसे व्यापक स्तर पर करें। मुझे विश्वास है कि भारत ऐसे मोड़ पर है, जहां हम बहुत तेजी से इसे व्यापक स्तर पर कर पाएंगे।’’

एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के उपाध्यक्ष अतुल खन्ना ने भी आयात का बोझ कम करने की आवश्यकता बतायी। उन्होंने कहा कि इसमें बड़े पैमाने पर होने वाले उत्पादन का लाभ महत्वपूर्ण है, अन्यथा भारत में विनिर्माताओं को लागत क्षमता से संबंधित कई समस्याओं तथा चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

भाषा निहारिका रमण

रमण