नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) कंपनी के शेयरधारकों को सूचना और सुझाव देने वाली इनगवर्न ने रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के अपनी 40वीं सालाना आम बैठक को ‘बिना किसी वैध कारण’ के स्थगित करने पर चिंता जताई है। उसने बैठक में देरी से जुड़ी परिस्थितियों की भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से जांच की मांग की है।
परामर्श कंपनी ने एक रिपोर्ट में कहा कि नियामक निर्णय लेने की उन प्रक्रियाओं की जांच कर सकता है जिसके कारण देरी हुई है। साथ ही शेयर आवंटन और कर्मचारी शेयर स्वामित्व योजनाओं (ईसाप) के संबंध में कंपनी पर कार्रवाई भी हो सकती है।
इसमें कहा गया है कि इस जांच का उद्देश्य किसी भी संभावित कंपनी संचालन मुद्दों या नियामकीय उल्लंघनों को सामने लाना है।
रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लि. (आरईएल) ने अपनी सालाना आम बैठक (एजीएम) को तीन महीने के लिए दिसंबर, 2024 तक टाल दिया है। पहले यह बैठक सितंबर, 2024 में होनी थी।
रिपोर्ट के अनुसार, देरी विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि रेलिगेयर की कार्यकारी चेयरपर्सन रश्मि सलूजा की फिर से नियुक्ति होनी थी क्योंकि वह सितंबर में मूल रूप से निर्धारित एजीएम में ‘रोटेशन’ के आधार पर सेवानिवृत्त होंगी।
इसमें कहा गया है, ‘‘इस फैसले से शेयरधारक निराश हुए हैं क्योंकि कंपनी ने देरी का कोई वैध कारण नहीं बताया है। खासकर तब जब वित्तीय खाते के बारे में जानकारी पहले ही शेयर बाजारों के पास दाखिल की जा चुकी थी।’’
रिपोर्ट के मुताबिक, एकमात्र गैर-स्वतंत्र निदेशक के रूप में, उनके पद के लिए प्रत्येक एजीएम में पुन: नियुक्ति की आवश्यकता होती है। इससे इस देरी का समय महत्वपूर्ण हो जाता है।
रेलिगेयर का वित्तीय सेवा फर्म के प्रबंधन नियंत्रण को लेकर बर्मन परिवार की अगुवाई वाली कंपनियों के साथ विवाद चल रहा है।
डाबर के प्रवर्तक बर्मन के पास रेलिगेयर में लगभग 25 प्रतिशत हिस्सेदारी है। उसने यह हिस्सेदारी चार इकाइयों… एमबी फिनमार्ट, पूरन एसोसिएट्स, वीआईसी एंटरप्राइजेज और मिल्की इन्वेस्टमेंट एंड ट्रेडिंग कंपनी के माध्यम से रखी हुई है।
बर्मन ने अधिग्रहण के लिए 25 सितंबर, 2023 को एक खुली पेशकश की घोषणा की। इसके तहत 26 प्रतिशत हिस्सेदारी सार्वजनिक शेयरधारकों से खरीदी जानी थी।
खुली पेशकश की बोली के तुरंत बाद, बर्मन ने भेदिया कारोबार नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया। यह आरोप उन्होंने कंपनी की चेयरपर्सन पर लगाया। साथ ही उनपर अपनी पसंद के निदेशक मंडल की नियुक्ति का भी आरोप लगाया और इस बारे में पूंजी बाजार नियामक सेबी से शिकायत की।
इस बीच, बर्मन परिवार की एक कंपनी फिनमार्ट प्राइवेट लि. ने सालाना आम बैठक में तीन महीने की देरी के लिए कंपनी पंजीयक (आरओसी) और रेलिगेयर के खिलाफ मामला दायर किया।
रेलिगेयर ने शेयर बाजार को दी सूचना में में कहा कि अदालत ने कंपनी पंजीयक और कंपनी को नोटिस जारी किया और जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया। साथ ही उसके बाद अपीलकर्ताओं को उसका जवाब देने के लिए पांच दिन का समय दिया।
मामले की सुनवाई 21 अक्टूबर, 2024 को होगी।
भाषा रमण अजय
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