वाणिज्य मंत्रालय, भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर की चर्चा

वाणिज्य मंत्रालय, भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर की चर्चा

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  • Publish Date - January 8, 2025 / 08:09 PM IST,
    Updated On - January 8, 2025 / 08:09 PM IST

नयी दिल्ली, आठ जनवरी (भाषा) वाणिज्य मंत्रालय और 20 देशों के भारतीय दूतावासों की वाणिज्यिक इकाइयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने बुधवार को वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की।

तीन दिवसीय बैठक बुधवार को संपन्न हुई।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘बैठक में व्यापार, प्रौद्योगिकी, निवेश और पर्यटन में देश-विशेष और क्षेत्र-विशेष के अवसरों और चुनौतियों पर चर्चा की गई। साथ में, हमने भारत के वैश्विक नेतृत्व को मजबूत करने तथा अंतरराष्ट्रीय सहयोग को और बढ़ावा देने के उपायों पर चर्चा की।’’

अधिकारी ने कहा कि तीन दिन के विचार-विमर्श के दौरान जो मुद्दे सामने आए उनमें महत्वपूर्ण 20 देशों में छह प्रमुख क्षेत्रों (वस्तुओं और सेवाओं के प्रत्येक) में अवसर और चुनौतियां और आगे का रास्ता शामिल था। इसके अलावा, गैर-शुल्क बाधाएं, लॉजिस्टिक, डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) मामले और बाजार पहुंच पहल की भूमिका और महत्व शामिल है।

यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण थी, क्योंकि वाणिज्य मंत्रालय अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, चीन, रूस, ब्रिटेन, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और इंडोनेशिया सहित उन 20 देशों में इंजीनियरिंग सामान और इलेक्ट्रॉनिक्स सहित छह प्रमुख उत्पाद श्रेणियों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक रणनीति तैयार करने की प्रक्रिया में है, जिनपर उसका ध्यान है।

अमेरिका और यूरोपीय संघ के सदस्यों सहित इन देशों की भारत के कुल निर्यात में बड़ी हिस्सेदारी है।

नवंबर में भारत का निर्यात सालाना आधार पर 4.85 प्रतिशत घटकर 32.11 अरब डॉलर रहा।

कुल मिलाकर, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान निर्यात 2.17 प्रतिशत बढ़कर 284.31 अरब डॉलर और आयात 8.35 प्रतिशत बढ़कर 486.73 अरब डॉलर हो गया।

इससे अप्रैल-नवंबर के दौरान व्यापार घाटा बढ़कर 202.42 अरब डॉलर हो गया, जो 2023 की इसी अवधि में 170.98 अरब डॉलर था।

पिछले महीने वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा था कि मंत्रालय निर्यात को और बढ़ावा देने के लिए 20 देशों और छह सेवाओं और विनिर्माण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

भाषा रमण अजय

अजय