कोकिंग कोल को महत्वपूर्ण खनिजों की सूची में शामिल करने की जरूरत: नीति रिपोर्ट

कोकिंग कोल को महत्वपूर्ण खनिजों की सूची में शामिल करने की जरूरत: नीति रिपोर्ट

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  • Publish Date - November 22, 2024 / 04:55 PM IST,
    Updated On - November 22, 2024 / 04:55 PM IST

नयी दिल्ली, 22 नवंबर (भाषा) सरकार को कोकिंग कोल को महत्वपूर्ण खनिजों की सूची में शामिल करना चाहिए और इसके घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए विशेष छूट देनी चाहिए। नीति आयोग की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

कोकिंग कोल का इस्तेमाल मुख्य रूप से इस्पात बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में किया जाता है।

रिपोर्ट का शीर्षक ‘कोकिंग कोल के आयात को कम करने के लिए घरेलू कोकिंग कोल की उपलब्धता बढ़ाना’ है। इसमें कहा गया है कि 2070 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने की भारत की प्रतिबद्धता के मद्देनजर स्थानीय स्तर पर उपलब्ध मध्यम कोकिंग कोल के भंडार (16.5 अरब टन) का पूरी तरह इस्तेमाल देश हित में होगा।

रिपोर्ट में कहा गया, ”भारत सरकार को कोकिंग कोल को महत्वपूर्ण खनिजों की सूची में शामिल करना चाहिए, क्योंकि कोकिंग कोल इस्पात की लागत का लगभग 42 प्रतिशत हिस्सा है।”

गौरतलब है कि इस्पात बुनियादी ढांचे के विकास और विभिन्न उद्योगों के लिए एक जरूरी धातु है।

यूरोपीय संघ ने 29 अन्य कच्चे मालों के साथ कोकिंग कोल को एक महत्वपूर्ण कच्चा माल घोषित किया है, जिसमें लिथियम, कोबाल्ट और दुर्लभ पृथ्वी जैसे खनिज शामिल हैं।

भारत कोकिंग कोल के लिए लगभग 85 प्रतिशत आयात पर निर्भर है। रिपोर्ट के मुताबिक सरकार कोकिंग कोल के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए विशेष छूट दे सकती है।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण