कोलकाता/ नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) कोल इंडिया की अनुषंगी ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) ने झारखंड के राजमहल क्षेत्र में कोयले की कीमत 450 रुपये से बढ़ाकर 700 रुपये प्रति टन करने की शुक्रवार को घोषणा की।
कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि इस कदम से कंपनी को 300 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक लागत बढ़ने का कुछ बोझ उपभोक्ताओं पर डालने का फैसला किया गया है।
कीमत बढ़ोतरी का यह फैसला 30 नवंबर से प्रभावी हो जाएगा।
ईसीएल के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह वृद्धि राजमहल कोयला क्षेत्र में टिकाऊ संचालन सुनिश्चित करने के लिए बढ़े हुए लॉजिस्टिक खर्चों को ध्यान में रखने की जरूरत के अनुरूप है।’’
ईसीएल की मूल कंपनी कोल इंडिया ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसके निदेशक मंडल की शुक्रवार को संपन्न बैठक में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के राजमहल खदान के कोयले की कीमत में संशोधन को मंजूरी दे दी है। यह 30 नवंबर 2024 से 450 रुपये प्रति टन से बढ़कर 700 रुपये प्रति टन हो जाएगी।
ईसीएल के निदेशक (तकनीकी) नीलाद्रि रॉय ने पीटीआई-भाषा से कहा कि राजमहल खदान से कोयले की आपूर्ति एनटीपीसी के कहलगांव और फरक्का सुपर थर्मल पावर प्लांट को कम परिवहन लागत पर की जा रही है। एनटीपीसी की सहमति से इसकी कीमत में संशोधन किया गया है।
उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों से कोल इंडिया की सभी खदानों में कोयले की कीमतें नहीं बढ़ी हैं लेकिन अगर कीमत नहीं बढ़ाई जाती है तो यह खदान नहीं बचेगी।
कोल इंडिया लिमिटेड ने पहले संकेत दिया था कि वह बढ़ी हुई लागत के प्रभाव को कम करने के लिए कोयले की कीमतों में कम से कम 10-11 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकती है। कंपनी ने पिछली बार वर्ष 2018 में कोयले की कीमतें बढ़ाई थीं।
भाषा राजेश राजेश प्रेम
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