नयी दिल्ली, 26 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के चेयरमैन शाजी के वी ने मंगलवार को कहा कि सहकारी बैंकों का मार्च, 2025 तक डिजिटलीकरण होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इससे इन वित्तीय संस्थानों के संचालन को सुव्यवस्थित किया जा सकेगा और उनकी दक्षता बढ़ाई जा सकेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सभी सहकारी बैंकों को कोर बैंकिंग समाधान (सीबीएस) अपनाने के लिए अनिवार्य कर दिया है, जो आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम केंद्र सरकार की ओर से सहकारी समितियों का डिजिटलीकरण कर रहे हैं। मार्च, 2025 तक यह हो जाएगा और उस समय तक हम इस पर काम करने के लिए वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) कंपनियों को आमंत्रित करेंगे।’’
यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि नाबार्ड सभी ग्रामीण सहकारी समितियों के लिए देशभर में एक आम साझा सेवा इकाई स्थापित करने का प्रस्ताव कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार और रिजर्व बैंक दोनों इस इकाई के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गए हैं। हम केंद्र सरकार और सहकारी बैंकों के साथ मिलकर डिजिटल अपनाने के लिए एक अलग कंपनी स्थापित करेंगे।’’
इस इकाई को भी बहुत सारे फिनटेक सहयोग की आवश्यकता होगी और फिनटेक के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) और सहकारी बैंकों दोनों के साथ साझेदारी करने के बहुत सारे अवसर हैं।
भाषा राजेश राजेश अजय
अजय