सीआईआई ने बजट में आम लोगों के लिए कर राहत, मनरेगा के तहत अधिक मजदूरी की वकालत की |

सीआईआई ने बजट में आम लोगों के लिए कर राहत, मनरेगा के तहत अधिक मजदूरी की वकालत की

सीआईआई ने बजट में आम लोगों के लिए कर राहत, मनरेगा के तहत अधिक मजदूरी की वकालत की

:   Modified Date:  June 18, 2024 / 07:58 PM IST, Published Date : June 18, 2024/7:58 pm IST

नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने उपभोग को बढ़ावा देने को आम लोगों को कर राहत देने और मनरेगा के तहत दैनिक मजदूरी बढ़ाने की वकालत की है।

सीआईआई ने कहा है कि 20 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले व्यक्तियों को मामूली कर राहत देनी चाहिए। उद्योग मंडल ने इसके अलावा पीएम किसान योजना के तहत अधिक सहायता राशि देने की अपील भी की है।

बजट से पहले राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ​​को दिए गए अपने ज्ञापन में सीआईआई के अध्यक्ष संजीव पुरी ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कम करने, पूंजीगत लाभ कर को युक्तिसंगत बनाने और कॉरपोरेट कर को मौजूदा स्तर पर बनाए रखने का सुझाव दिया है।

सीआईआई ने यह भी सुझाव दिया कि सरकार वित्त वर्ष 2024-25 में पूंजीगत खर्च को 25 प्रतिशत बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक के 2.11 लाख करोड़ रुपये के लाभांश के एक हिस्से का इस्तेमाल कर सकती है।

सीआईआई ने कहा कि इससे सार्वजनिक पूंजीगत व्यय के स्तर को बनाए रखने और निजी निवेश को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले महीने संसद में बजट पेश करेंगी। सीआईआई ने कहा कि आगामी बजट में 20 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वाले व्यक्तियों को आयकर में मामूली राहत दी जा सकती है। इससे उपभोग मांग को बढ़ावा मिलेगा।

सीआईआई ने यह सुझाव भी दिया कि मनरेगा के तहत न्यूनतम मजदूरी को 267 रुपये प्रतिदिन से संशोधित कर 375 रुपये किया जा सकता है। राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी निर्धारण पर विशेषज्ञ समिति ने भी ऐसा करने का सुझाव दिया है।

इसके अलावा पीएम किसान के तहत प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण राशि को 6,000 रुपये प्रति वर्ष से बढ़ाकर 8,000 रुपये प्रति वर्ष करने का भी सुझाव दिया गया है। पूंजीगत लाभ कर को युक्तिसंगत बनाने की अपील भी की गई है।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

 

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