नयी दिल्ली, 13 अप्रैल (भाषा) भारत के आयात में चीन की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2022-23 में घटकर 13.79 प्रतिशत पर आ गयी, जो पिछले वित्त वर्ष में 15.43 प्रतिशत थी। इस दौरान उर्वरक और इलेक्ट्रॉनिक जैसी प्रमुख वस्तुओं का आयात वैकल्पिक बाजारों से हो रहा है। वाणिज्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
हालांकि चीन से कुल आयात 2022-23 में बढ़कर 98.51 अरब डॉलर हो गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में 94.57 अरब डॉलर था।
वाणिज्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों क अनुसार, भारत का कुल आयात 17.38 प्रतिशत बढ़कर 2022-23 में 892.18 अरब डॉलर रहा, जो वित्त वर्ष 2021-22 (अप्रैल-मार्च) में 760.06 अरब डॉलर था।
इस बीच, भारत से चीन को निर्यात वित्त वर्ष 2022-23 में लगभग 28 प्रतिशत घटकर 15.32 अरब डॉलर रहा, जो वित्त वर्ष 2021-22 में 21.26 अरब डॉलर था।
भारत का कुल निर्यात (वस्तुओं और सेवाओं का संयुक्त रूप से) वित्त वर्ष 2022-23 में 13.84 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 770.18 प्रतिशत होने की संभावना है, जो वित्त वर्ष 2021-22 में 676.53 अरब डॉलर था।
देश का व्यापार घाटा वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 122 अरब डॉलर हो गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 83.53 अरब डॉलर था।
आंकड़ों के बारे में बताते हुए वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि चीन से इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का निर्यात और उसकी भारत के कुल आयात में हिस्सेदारी घटी है।
आंकड़ों के अनुसार, भारत का निर्यात रूस (369.44 प्रतिशत), इंडोनेशिया (62.8 प्रतिशत), सऊदी अरब (23.31 प्रतिशत), सिंगापुर (24.43 प्रतिशत) और कोरिया (21.46 प्रतिशत) जैसे देशों में उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है।
भाषा अनुराग रमण
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