चेन्नई, 12 जनवरी (भाषा) चेन्नई को महिलाओं के लिए सामाजिक और औद्योगिक समावेशन में उत्कृष्टता प्राप्त करने वाले भारत के शीर्ष तीन शहरों में से एक माना गया है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह जानकारी दी गई है।
तमिलनाडु के आठ शहरों को इस सूची में स्थान मिला है, जिसमें राजधानी शहर कामकाजी महिलाओं के लिए सबसे समावेशी, सुरक्षित और लचीला और टिकाऊ शहर होने के कारण दूसरे स्थान पर है।
अवतार समूह की 2024 में भारत में महिलाओं के लिए शीर्ष शहरों की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण भारत सबसे अधिक लिंग-समावेशी क्षेत्र के रूप में उभरा है। इसमें दक्षिण के 16 शहर शीर्ष 25 में शामिल हैं।
सर्वेक्षण के अनुसार, 2024 में कामकाजी महिलाओं के लिए देश में सर्वश्रेष्ठ शहर के रूप में शीर्ष स्थान हासिल करने के लिए बेंगलुरु ने चेन्नई को पीछे छोड़ दिया है।
अवतार समूह की संस्थापक-अध्यक्ष सौंदर्या राजेश ने कहा कि कामकाजी महिलाओं के लिए सबसे समावेशी, सुरक्षित, लचीला, टिकाऊ शहर होने के मामले में चेन्नई दूसरे स्थान पर रहा। तमिलनाडु ने सर्वेक्षण के परिणामों पर अपना दबदबा बनाया। कोयंबटूर, तिरुचिरापल्ली, वेल्लोर, मदुरै, सेलम, इरोड और तिरुप्पुर भी सूची में शीर्ष पर रहे।
राजेश ने अध्ययन पर कहा, “शहर अवसरों की नींव हैं। वे महिलाओं के रहने, काम करने और आगे बढ़ने के तरीके को आकार देते हैं। महिलाओं की प्रगति और समावेशन को आगे बढ़ाने के लिए हमारे शहरों के मूल सिद्धांतों और सांस्कृतिक ताने-बाने की स्पष्ट समझ महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने कहा, “साल 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए हमें महिला पेशेवरों को पुरुषों के बराबर सफलता दिलाने की आवश्यकता है। यह तभी संभव है जब शहर वास्तव में लैंगिक रूप से समावेशी हों और ऐसा माहौल प्रदान करें जहां महिलाओं की ताकत का अधिकतम उपयोग किया जा सके।”
भारत में महिलाओं के लिए शीर्ष शहरों का सूचकांक आदर्श शहरों और सर्वोत्तम चलन की पहचान करता है, तथा संगठनों, नीति-निर्माताओं के लिए शहरों में समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है।
भाषा अनुराग अजय
अजय