नए साल में पैसों के लेनदेन के नियमों में हुए बदलाव, आपकी जेब पर होगा सीधा असर.. जानिए | Changes in the rules of money transaction in the new year, will have a direct impact on your pocket .. Know

नए साल में पैसों के लेनदेन के नियमों में हुए बदलाव, आपकी जेब पर होगा सीधा असर.. जानिए

नए साल में पैसों के लेनदेन के नियमों में हुए बदलाव, आपकी जेब पर होगा सीधा असर.. जानिए

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:08 PM IST
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Published Date: January 5, 2021 9:01 am IST

नई दिल्लीः नए साल 2021 में पैसों के लेनदेन के मामले में कुछ अहम बदलाव हुए हैं, कहीं पर कुछ नए नियम लागू हुए हैं तो कहीं पर कुछ संशोधन किए गए है, बात जहां पैसों की हो वहां इन नियमों और बदलाव को जानना जरूरी हो जाता है। क्योंकि इनका सीधा असर हमारी जेब पर पड़ता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमे कुछ बड़े बदलाव पर नजर डालते हैं।

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1. कॉन्टैक्टलेस पेमेंट सिस्टम में ग्राहकों के ट्रांजैक्शन की सीमा बढ़ा दी गई है, पहले ग्राहक 2,000 तक का लेनदेन कर सकते थे, अब वो 5,000 तक का ट्रांजैक्शन कर सकेंगे। रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने दिसंबर में कहा था कि मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू मीटिंग में कॉन्टैक्टलेस कार्ड लिमिट बढ़ाने का फैसला किया गया था।

2. चेक पेमेंट सिस्टम में भी 1 जनवरी से एक अहम बदलाव हुए हैं, 1 जनवरी, 2021 के बाद से 50,000 से ज्यादा की रकम के चेक से भुगतान के लिए बैंक को दी जाने वाली डिटेल्स फिर से वेरिफाई करने को जरूरी कर दिया है, हालांकि, यह अकाउंट होल्डर पर निर्भर करता है कि वो इस नियम को अपनाता है या नहीं, लेकिन हो सकता है कि पांच लाख से ज्यादा की रकम के भुगतान पर इसे अनिवार्य कर दिया जाए।

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3. अगर कोई चेक जारी करता है तो इस नियम के तहत, उसे अपना और बेनेफिशियरी का नाम, चेक नंबर, अकाउंट नंबर, ट्रांजैक्शन अमाउंट, चेक की तारीख को पहले वेरिफाई किया जाएगा, बेनेफिशियरी से भी ये डिटेल्स एक बार कन्फर्म कराई जा सकती हैं, केंद्रीय बैंक का लक्ष्य यह सिस्टम लाकर चेक पेमेंट में धोखाधड़ी को खत्म करना है।

4- पहले खबरें आ रही थीं कि UPI से ट्रांजैक्शन करने पर 1 जनवरी से ज्यादा चार्ज लगेगा लेकिन नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने इन खबरों का खंडन करते हुए कहा था कि ग्राहकों को यूपीआई ट्रांजैक्शन पर कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं देना होगा। दरअसल, NPCI ने थर्ड पार्टी ऐप्स जैसे- Amazon Pay, Google Pay और PhonePe जैसे ऐप्स पर यूपीआई भुगतान पर 30 फीसदी का कैप लगाने का फैसला किया था, जिसका उद्देश्य आगे चलकर इन कंपनियों की ओर से यूपीआई ट्रांजैक्शन पर एकाधिकार की संभावनाओं की खत्म किया जा सके।

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5-शेयर बाजार का नियमन देखने वाली रेगुलेटर कंपनी SEBI ने म्यूचुअल फंड में निवेश को लेकर नियम बदले हैं। अब म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों को फंड का 75 फीसदी हिस्सा इक्विटी में निवेश करना होगा. अभी तक यह नियम 65 फीसदी का था। वहीं, फंड हाउसेज़ को लॉर्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप में 25-25 फीसदी निवेश करना होगा। इसके अलावा, अब जोखिम के पैमाने रिस्क-ओ-मीटर पर ‘Very High Risk’ का विकल्प भी जोड़ा जाएगा ।

6- अब 5 करोड़ से कम टर्नओवर वाले कारोबारी तिमाही GST रिटर्न दाखिल कर सकेंगे, अब तक हर महीने रिटर्न दाखिल करनी होती थी। 1 जनवरी, 2021 से 5 करोड़ रुपए से ज्यादा के सालाना टर्नओवर वाले कारोबोरियों को अब बस साल भर में चार GSTR-3B रिटर्न फॉर्म भरने होंगे. सरकार ने क्वारटर्ली फाइलिंग ऑफ रिटर्न विद मंथली पेमेंट (QRMP) योजना लागू की है। इसके तहत छोटे कारोबारियों को भी फायदा होगा, वो अब एक साल में यानी एक वित्त वर्ष में सिर्फ 8 रिटर्न (4 GSTR-3B और 4 GSTR-1 returns) भर सकते हैं, अभी तक वो 16 रिटर्न भरते आए हैं।

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7-देश की बहुत सी बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों ने पहले से घोषणा कर रखी है कि वो जनवरी से अपनी गाड़ियों की कीमतों में इज़ाफा करने वाली हैं, ऐसे में नए साल में गाड़ी खरीदने की आपकी योजना को थोड़ा झटका लग सकता है। मारुति सुज़ुकी, फोर्ड, रेनॉ, निसान, होंडा, स्कोडा सहित कई अन्य कंपनियों के अलावा एमजी मोटर्स, ऑडी, बीएमडब्ल्यू कार्स जैसी बड़ी कंपनियां भी अपनी गाड़ियों की कीमतें बढ़ाने वाली हैं।