(बरुण झा)
दावोस, 20 जनवरी (भाषा) स्विट्जरलैंड के दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक में भारत की तरफ से केंद्र एवं राज्यों ने अपने राजनीतिक मतभेदों को परे रखते हुए मंडपों में एकजुट होकर शिरकत की है।
दावोस की मशहूर प्रोमेनेड स्ट्रीट के एक तरफ कुछ ही ब्लॉक की दूरी पर दो भारतीय मंडप मौजूद हैं। इन मंडप में केंद्रीय मंत्रियों, केंद्र सरकार के विभागों और राज्य सरकारों के लिए बैठक एवं सम्मेलन कक्ष मौजूद हैं।
एक में केरल, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के मंडप हैं। वहीं दूसरे में आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के मंडप स्थित हैं।
दोनों मंडप अलग-अलग समय पर पांच केंद्रीय मंत्रियों की मेजबानी भी करेंगे, जबकि उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) और इन्वेस्ट इंडिया भी मौजूद हैं।
उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) भी कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) और अन्य कारोबारी दिग्गजों के एक बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ यहां मौजूद है।
मंडप में शामिल हो रहे राज्यों में से केरल में वाम मोर्चा, तेलंगाना में कांग्रेस, उत्तर प्रदेश में भाजपा, आंध्र प्रदेश में एन चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई में राजग, महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति और तमिलनाडु में द्रमुक के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार है।
डब्ल्यूईएफ की वार्षिक बैठक में भाग लेने वाले केंद्रीय मंत्री भी विभिन्न दलों से संबंध रखते हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और सी आर पाटिल भाजपा से संबंधित हैं जबकि चिराग पासवान लोजपा (रामविलास) से, जयंत चौधरी रालोद से और के राम मोहन नायडू तेदेपा से संबंधित हैं।
यहां मौजूद भारतीय कंपनियों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के साथ विप्रो, इन्फोसिस और टेक महिंद्रा भी शामिल हैं।
डब्ल्यूईएफ शिखर सम्मेलन को संबोधित करने के लिए कई भारतीय नेताओं का कार्यक्रम रखा गया है। सम्मेलन के दौरान आयोजित नाश्ते, दोपहर के भोजन और रात के खाने के सत्रों में भी भारतीयों की खासी मौजूदगी होगी।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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