(लक्ष्मी देवी ऐरे द्वारा)
नयी दिल्ली, 16 जनवरी (भाषा) केंद्र ने चालू विपणन सत्र में अबतक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) योजना के तहत रिकॉर्ड 13.73 लाख टन सोयाबीन खरीदा है। कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
किसानों को गिरती कीमतों से बचाने के लिए की गई खरीद ने पिछले सभी रिकॉर्ड को पार कर लिया है। पिछली सबसे अधिक खरीद वर्ष 2018-19 में 19,483 टन की हुई थी।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘सोयाबीन में, हमने पीएसएस (मूल्य समर्थन योजना) के तहत अबतक की उच्चतम खरीद हासिल की है। यह राज्यों में जागरूकता पैदा करने के लिए मंत्रालय द्वारा किए गए विशेष प्रयासों के कारण संभव हुआ।’’
यह खरीद कुल स्वीकृत मात्रा 33.85 लाख टन का 41 प्रतिशत है और इससे खरीफ विपणन सत्र 2024-25 में 13 जनवरी तक 5.78 लाख किसानों को लाभ हुआ है।
यह खरीद छह राज्यों में 4,892 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर नोडल एजेंसियों नाफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से की जा रही है।
नाफेड ने 9.78 लाख टन की खरीद की है, जबकि एनसीसीएफ ने लगभग 3.94 लाख टन की खरीद की है।
मध्य प्रदेश 6.22 लाख टन के साथ सबसे आगे है, इसके बाद महाराष्ट्र 5.39 लाख टन के साथ दूसरे स्थान पर है। तेलंगाना, राजस्थान, गुजरात और कर्नाटक ने क्रमशः 83,075 टन, 67,268 टन, 43,210 टन और 18,282 टन की खरीद दर्ज की है।
गुणवत्ता संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए मंत्रालय ने नमी की मात्रा की जांच के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाने और मंडियों में नमी जांचने वाले उपकरणों को बढ़ाने सहित अभिनव उपाय लागू किए हैं।
अधिकारी ने कहा कि 15 प्रतिशत नमी की मात्रा की अनुमति देने वाली छूट के बावजूद, पूरी खरीद ने महत्तम 12 प्रतिशत के स्तर को बनाए रखा, जिससे बेहतर भंडारण स्थिरता सुनिश्चित हुई।
राज्य सरकार के अनुरोध पर महाराष्ट्र में खरीद सुविधा को 31 जनवरी और राजस्थान में 14 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है।
वर्तमान बाजार मूल्य एमएसपी से नीचे बने हुए हैं, 16 जनवरी तक औसत मंडी दर 4,300 रुपये प्रति क्विंटल है।
हालांकि, चालू वर्ष के लिए सोयाबीन उत्पादन का दृष्टिकोण मजबूत बना हुआ है, लेकिन घरेलू कीमतों को आपूर्ति-मांग की गतिशीलता और वैश्विक बाजार के प्रभावों से दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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