केंद्र ने 10 हजार नये ‘पैक्स’ शुरू किये, पांच साल से पहले दो लाख का लक्ष्य: शाह

केंद्र ने 10 हजार नये ‘पैक्स’ शुरू किये, पांच साल से पहले दो लाख का लक्ष्य: शाह

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  • Publish Date - December 25, 2024 / 06:29 PM IST,
    Updated On - December 25, 2024 / 06:29 PM IST

नयी दिल्ली, 25 दिसंबर (भाषा) सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को 10,000 नई बहुउद्देश्यीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) की शुरुआत की। इस मौके पर शाह ने कहा कि सरकार पांच साल की समयसीमा से पहले दो लाख ऐसी समितियां स्थापित करने का अपना लक्ष्य हासिल कर लेगी।

इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि जब तक सहकारी समितियां पंचायत स्तर पर प्रभावी ढंग से काम नहीं करेंगी, तब तक सहकारिता के जरिये समृद्धि हासिल नहीं की जा सकती।

मंत्री ने कहा, ‘‘हमने पांच साल में दो लाख पैक्स स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। मैं आपको बताना चाहता हूं कि हम पांच साल से पहले यह लक्ष्य हासिल कर लेंगे। तीन महीने में हमने 10,000 नये पैक्स स्थापित किये हैं।’’

इस पहल को दो चरणों में शुरू किया जाएगा, जिसमें पहले चरण में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) 32,750 नए एम-पैक्स स्थापित करेगा, जबकि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) 56,500 डेयरी सहकारी समितियां और राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड (एनएफडीबी) 6,000 मत्स्य सहकारी समितियां स्थापित करेगा।

उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में, नाबार्ड 45,000 एम-पैक्स बनाएगा, एनडीडीबी 46,000 डेयरी सहकारी समितियां और एनएफडीबी 5,500 मत्स्य सहकारी समितियां स्थापित करेगा। राज्य सरकारें लगभग 25,000 नई सहकारी समितियां बनाएंगी।

शाह ने बंद पड़े पैक्स के परिसमापन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी जारी की, जिससे 15,000 गांवों में नई समितियां स्थापित की जा सकेंगी।

मौजूदा मानदंडों के तहत, जब तक कि एक पैक्स को बंद घोषित न कर दिया जाए, तब तक उस गांव में दूसरा पैक्स स्थापित नहीं किया जा सकता है।

मंत्री ने नव स्थापित सहकारी समितियों को पंजीकरण प्रमाण पत्र, सूक्ष्म एटीएम और रुपे किसान क्रेडिट कार्ड भी वितरित किए।

शाह ने इस क्षेत्र में डिजिटलीकरण के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले से ही मौजूदा पैक्स को कंप्यूटरीकृत कर दिया है और उन्हें 32 विभिन्न पहल के साथ एकीकृत कर दिया है।

हालांकि, उन्होंने कहा कि अकेले प्रौद्योगिकी ही पर्याप्त नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने कंप्यूटरीकृत किया है, सॉफ्टवेयर दिया है और विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने समितियों से नए प्रशिक्षण मॉड्यूल का उपयोग करने का आग्रह करते हुए कहा कि सहकारी समितियां तब तक परिचालित नहीं हो सकती हैं, जब तक प्रशिक्षित कामगार न हों।’’

उन्होंने कहा कि अब तक 11,695 पैक्स नए मॉडल कानूनों के तहत पंजीकृत हैं।

मंत्री ने दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर सहकारी क्षेत्र में उनके योगदान को भी याद किया।

उन्होंने कहा कि सहकारी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए वाजपेयी के शासन के दौरान संविधान में 97वां संशोधन लाया गया था।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी तथा पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह, सहकारिता राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी मौजूद थे।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय