केंद्र सरकार ने पहले 100 दिनों में किसानों के लिए कई नीतियां लागू कींः अमित शाह

केंद्र सरकार ने पहले 100 दिनों में किसानों के लिए कई नीतियां लागू कींः अमित शाह

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  • Publish Date - September 17, 2024 / 04:19 PM IST,
    Updated On - September 17, 2024 / 04:19 PM IST

(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में कृषि उत्पादकता और निर्यात बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए किसानों के हित में कई नीतियां लागू की हैं।

शाह ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में बनी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन में अर्थव्यवस्था के 14 क्षेत्रों में 15 लाख करोड़ रुपये की नीतियां लागू की हैं।

उन्होंने किसानों के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने स्टार्टअप एवं ग्रामीण उद्यमों को समर्थन देने के लिए कृषि अवसरंचना कोष की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि किसानों के जीवन एवं आजीविका को बेहतर करने के लिए सात योजनाओं के तहत 14,200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

मंत्री ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत 9.3 करोड़ किसानों को 20,000 करोड़ रुपये वितरित करने सहित कृषि क्षेत्र की प्रमुख उपलब्धियों का जिक्र किया।

शाह ने कहा, ‘‘ हमने पीएम-किसान के तहत 70वीं किस्त वितरित की है। अब तक 12.33 करोड़ किसानों को तीन लाख करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं।’’

पीएम-किसान योजना के तहत 6,000 रुपये सालाना दिया जाता है जो प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्रणाली के जरिये पात्र किसानों के बैंक खातों में सीधे डाला जाता है।

मंत्री ने कहा कि कृषि नीतियों को कृषक समुदाय के कल्याण और समृद्धि को ध्यान में रखते हुए लागू किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ इससे देश के खाद्यान्न उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा जिससे किसानों की स्थिति में सुधार होगा।’’

शाह ने कहा, ‘‘ संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) शासन की तुलना में (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी नीत सरकार ने एमएसपी पर अधिक फसलें खरीदी हैं। इससे पता चलता है कि राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार किसानों को लेकर प्रतिबद्ध है।’’

उन्होंने कहा कि 2024-25 खरीफ सत्र की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी की गई है।

मंत्री ने कहा कि एथनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए चीनी मिलों को ‘मल्टी-फीड डिस्टिलरी’ में परिवर्तित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ अब मिलें न केवल गन्ने के रस से बल्कि मक्के से भी एथनॉल बना सकती हैं। देश में जब चीनी बनाने के लिए गन्ने के रस की जरूरत होगी, तब मक्के से एथनॉल बनाया जाएगा। जब चीनी का उत्पादन अधिक होगा, तब चीनी के रस से एथनॉल बनाया जाएगा।’’

सहकारिता मंत्री ने कहा कि कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्याज और बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को भी हटा दिया गया है।

शाह ने कहा कि ये नीतियां किसान कल्याण को बढ़ाने और भारत के कृषि निर्यात को बढ़ावा देने की सरकार की व्यापक रणनीति का हिस्सा हैं।

संवाददाता सम्मेलन में शाह के साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद थे।

भाषा

प्रेम रमण

रमण