सीसीआईएल के ऑडिट की मंशा यूरोपीय प्राधिकऱण के अधिकार-क्षेत्र के बाहरः आरबीआई डिप्टी गवर्नर

सीसीआईएल के ऑडिट की मंशा यूरोपीय प्राधिकऱण के अधिकार-क्षेत्र के बाहरः आरबीआई डिप्टी गवर्नर

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  • Publish Date - November 7, 2024 / 09:13 PM IST,
    Updated On - November 7, 2024 / 09:13 PM IST

मुंबई, सात नवंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर टी रबि शंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि यूरोपीय प्रतिभूति एवं बाजार प्राधिकरण का भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (सीसीआईएल) का ऑडिट करने की मंशा जताना ‘उसके अधिकार क्षेत्र के बाहर’ की बात है और भारत कभी भी उसकी मांग नहीं मानेगा।

शंकर ने समाचारपत्र ‘बिजनेस स्टैंडर्ड’ की तरफ से यहां आयोजित वार्षिक बीएफएसआई कार्यक्रम में कहा कि दो साल पुराने इस मसले का समाधान तलाशने की समयसीमा अक्टूबर में खत्म हो गई और इसके लिए कोई ‘विशिष्ट समयसीमा’ नहीं तय की गई है।

शंकर ने कहा, ‘‘मुद्दा यह है कि हमने बहुत ही सुसंगत रुख अपनाया है कि यूरोपीय प्रतिभूति एवं बाजार प्राधिकरण (ईएसएमए) हमें यह बताने में अधिकार क्षेत्र से बाहर जा रहा है कि हमें किस तरह विनियमन करना चाहिए।’’

इसके साथ ही आरबीआई डिप्टी गवर्नर ने कहा कि भारत ने इसपर एक उदार रुख अपनाया है, लेकिन यूरोपीय कानून इसकी अनुमति नहीं देता।

हालांकि, शंकर ने कोई खास ब्योरा न देते हुए कहा कि इस बारे में कुछ चर्चाएं जारी हैं, लेकिन इसपर भारत का रुख स्पष्ट है।

शंकर ने कहा, ‘‘ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे हम इसके लिए सहमत हो सकें। अपनी संप्रभुता या नीति निर्माण से समझौता किए बिना इसपर सहमत होना संभव नहीं है। ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे कोई भी सहमत हो सके। यदि अन्य देश सहमत हो गए हैं, तो मुझे समझ में नहीं आता कि उन्होंने ऐसा कैसे किया।’’

यूरोपीय प्राधिकरण ईएसएमए सीसीआईएल का ऑडिट करने की मांग कर रहा है। उसके दावे का आधार यह है कि यूरोप के बैंक इस मंच पर प्रतिभूतियों में लेनदेन करते हैं।

सीसीआईएल इक्विटी सौदों के समाशोधन, निपटान, प्रबंधन और जोखिम प्रबंधन से जुड़े काम करती है।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय