नयी दिल्ली, पांच जनवरी (भाषा) भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की चेयरपर्सन रवनीत कौर ने कहा है कि सीसीआई देश में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए प्रवर्तन को मजबूत करने, सहयोग बढ़ाने और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
सीसीआई पारंपरिक बाजार चलन और तेजी से विकसित हो रही डिजिटल अर्थव्यवस्था के बीच गतिशील अंतर्सम्बंध को समझने पर काम कर रहा है।
कौर ने पीटीआई-भाषा से विशेष बातचीत में कहा, “एक चुस्त, सक्रिय विनियामक दृष्टिकोण की अत्यंत आवश्यकता है जो उभरते बाजार की चुनौतियों के अनुकूल हो, विशेष रूप से प्रौद्योगिकी और नवाचार द्वारा संचालित क्षेत्रों में।”
वर्ष 2023 में प्रतिस्पर्धा अधिनियम में विभिन्न संशोधन किए गए, जिसके परिणामस्वरूप निपटान, प्रतिबद्धता और सौदा मूल्य सीमा सहित नए तंत्रों की शुरुआत हुई।
सीसीआई चेयरपर्सन ने इस बात पर जोर दिया कि प्रयास प्रभावी निगरानी और सरलीकृत, बाजार-अनुकूल नियामक व्यवस्था के बीच संतुलन बनाने का है।
उन्होंने कहा, “आगे बढ़ते हुए, हमारा ध्यान प्रवर्तन को मजबूत करने, सहयोग बढ़ाने और भारत में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बनाए रखने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर होगा।”
अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के अन्य प्रयासों के अलावा, नियामक ने प्रौद्योगिकी परिदृश्य में तेजी से बदलाव के बीच प्रतिस्पर्धा का आकलन करने में मदद करने के लिए अधिक क्षेत्र विशेषज्ञों को नियुक्त करने की योजना बनाई है।
कौर ने कहा, “कृत्रिम मेधा (एआई), डेटा एनालिटिक्स और डिजिटल मार्केट जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञों की भर्ती प्राथमिकता है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सीसीआई भविष्य के लिए तैयार रहे और तेजी से विकसित हो रही प्रौद्योगिकियों द्वारा उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित हो।”
वर्तमान में, नियामक ब्रिक्स देशों में एआई और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित प्रतिस्पर्धा के मुद्दों पर दो बाजार अध्ययन कर रहा है।
भाषा अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय
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