एनडीटीवी से कम ब्याज पर कर्ज भुगतान में आईसीआईसीआई बैंक अधिकारियों की मिलीभगत नहीं : सीबीआई

एनडीटीवी से कम ब्याज पर कर्ज भुगतान में आईसीआईसीआई बैंक अधिकारियों की मिलीभगत नहीं : सीबीआई

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  • Publish Date - November 13, 2024 / 07:24 PM IST,
    Updated On - November 13, 2024 / 07:24 PM IST

नयी दिल्ली, 13 नवंबर (भाषा) समाचार चैनल एनडीटीवी के प्रवर्तकों- प्रणय रॉय और राधिका रॉय से कम ब्याज दर पर कर्ज की अदायगी स्वीकार करने में आईसीआईसीआई बैंक के अधिकारी किसी मिलीभगत, आपराधिक साजिश या पद के दुरुपयोग में शामिल नहीं थे। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 2017 के इस मामले में अपनी बंदी रिपोर्ट में यह बात कही है।

क्वॉन्टम सिक्योरिटीज लिमिटेड के संजय दत्त की शिकायत के आधार पर दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि आईसीआईसीआई बैंक ने 2008 में प्रवर्तकों की पूरी 61 प्रतिशत हिस्सेदारी को गिरवी रखकर 375 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया था।

शिकायत में कहा गया था कि बैंक ने कथित तौर पर ब्याज दर को 19 प्रतिशत प्रति वर्ष से घटाकर 9.5 प्रतिशत करके ऋण की अदायगी स्वीकार कर ली थी, जिससे बैंक को 48 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और प्रवर्तकों को इसी अनुपात में फायदा हुआ।

मामले से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि करीब सात साल की जांच के बाद जांच एजेंसी इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि पांच अगस्त, 2009 को स्वीकृत ब्याज दर को 19 प्रतिशत से घटाकर 9.65 प्रतिशत करने का निर्णय कर्जदारों की भुगतान करने में असमर्थता, एनडीटीवी का कमजोर वित्तीय प्रदर्शन, अतीत में समय पर भुगतान, शेयर की अस्थिर कीमत जैसे विभिन्न कारकों पर आधारित था।

उन्होंने कहा कि सीबीआई ने पिछले महीने अपनी बंदी रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसमें कहा गया था कि एनडीटीवी के लिए ब्याज दर में कमी कोई ‘एक बार की घटना’ नहीं थी। कम ब्याज पर ऋण का पुनर्भुगतान ‘औसत कोष की लागत से अधिक’ था।

भाषा अनुराग अजय

अजय