कोलंबो, पांच अक्टूबर (भाषा) श्रीलंका सरकार ने अपने सॉवरेन बांडधारकों के साथ ऋण पुनर्गठन समझौता किया है, जो उसके आर्थिक सुधार और सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
श्रीलंका के वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को बयान में कहा कि 19 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय सॉवरेन बांड (आईएसबी) के अपने अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय धारकों के प्रतिनिधियों के साथ सैद्धांतिक समझौते (एआईपी) के बाद, श्रीलंकाई अधिकारियों ने अब देश की आधिकारिक ऋणदाता समिति (ओसीसी) और आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) के साथ अपना परामर्श पूरा कर लिया है।
राजकोषीय विभाग के बयान में कहा गया है कि ओसीसी ने पुष्टि की है कि एआईपी की शर्तें व्यवहार की तुलनात्मकता (सीओटी) सिद्धांत का अनुपालन करती हैं और आईएमएफ ने भी पुष्टि की है कि समझौते की शर्तें आईएमएफ समर्थित कार्यक्रम को पूरा करती हैं।
इससे पहले राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के नेतृत्व वाली नई नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) सरकार ने आईएमएफ प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई वार्ता के दौरान समझौते को स्वीकार करने पर अपनी सहमति दी थी।
बयान के अनुसार, 21 सितंबर को राष्ट्रपति चुनाव और 25 सितंबर को नई सरकार के गठन के बाद, श्रीलंकाई अधिकारियों ने ऋण पुनर्गठन योजना के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। नए प्रशासन ने कार्यक्रम के ऋण लक्ष्यों और एआईपी शर्तों का समर्थन किया है, जिसमें सहमत शर्तों के अनुसार आईएसबी के पुनर्गठन में तेजी लाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
भाषा अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय