कैपिटालैंड की वर्ष 2028 तक प्रबंधन-अधीन कोष दोगुना करने की योजना

कैपिटालैंड की वर्ष 2028 तक प्रबंधन-अधीन कोष दोगुना करने की योजना

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  • Publish Date - September 4, 2024 / 07:21 PM IST,
    Updated On - September 4, 2024 / 07:21 PM IST

मुंबई, चार सितंबर (भाषा) सिंगापुर की रियल एस्टेट निवेश कंपनी कैपिटालैंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड (सीएलआई) ने बुधवार को कहा कि वह भारत में अपने प्रबंधन-अधीन कोष (एफयूएम) को वर्ष 2028 तक दोगुने से भी अधिक करना चाहती है।

सीएलआई ने बुधवार को एक बयान में कहा कि वह अगले चार साल में अपने मुख्य बाजार भारत में अपने कोष को दोगुना से अधिक करने का लक्ष्य तय कर रही है। यह कोष 30 जून, 2024 तक 7.4 अरब सिंगापुर डॉलर (458.8 अरब रुपये) था।

इसका मतलब है कि सीएलआई वर्ष 2028 तक भारत में अपने एफयूएम को बढ़ाकर 90,000 करोड़ रुपये से अधिक करना चाहती है।

कैपिटालैंड ने भारत के लिए एफयूएम लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपनी वृद्धि रणनीतियों की घोषणा की। इसमें आईटी पार्क और लॉजिस्टिक पार्क कारोबार का विस्तार शामिल है। इसके अलावा कंपनी नवीकरणीय ऊर्जा खंड में कदम रखने की संभावनाएं भी तलाशेगी।

करीब 30 साल पहले भारतीय बाजार में कदम रखने वाली सीएलआई ने देश के आठ शहरों में 40 से अधिक आईटी एवं बिजनेस पार्क, औद्योगिक, लॉजिस्टिक, लॉजिंग और डेटा सेंटर परिसंपत्तियों से युक्त विविध पोर्टफोलियो तैयार किया है। उसका कारोबार बेंगलुरु, चेन्नई, गोवा, गुरुग्राम, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई और पुणे में केंद्रित है।

कैपिटालैंड इन्वेस्टमेंट के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ली ची कून ने कहा, ‘‘भारत हमारे लिए एक रणनीतिक बाजार है और सीएलआई के समग्र व्यवसाय में इसका अहम योगदान है। भारत हमारे सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक रहा है, जहां पिछले सात वर्षों में हमारा निवेश तीन गुना हो गया है।’’

कून ने कहा, ‘‘इस देश में हमारी गहन विशेषज्ञता और मजबूत अनुकूल हालात को देखते हुए हमें विश्वास है कि हम 2028 तक भारत में 7.4 अरब सिंगापुर डॉलर के अपने मौजूदा एफयूएम को दोगुना से भी अधिक कर लेंगे। यह बेहतर पूंजी पुनर्संतुलन के लिए भौगोलिक विविधीकरण पर हमारी प्राथमिकता के अनुरूप भी है।’’

सीएलआई इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजीव दासगुप्ता ने बयान में कहा कि भारत में कंपनी के लिए जबर्दस्त संभावनाएं हैं और वह अपने सूचीबद्ध कैपिटालैंड इंडिया ट्रस्ट और अपने निजी कोषों के जरिये वृद्धि को आगे लेकर जाएगी।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय