जैसलमेर, 21 दिसंबर (भाषा) वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने शनिवार को कारोबार में इस्तेमाल के लिए खरीदी गई पुरानी इलेक्ट्रिक गाड़ी के मार्जिन मूल्य पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया।
परिषद से साथ ही विमान ईंधन (एटीएफ) को जीएसटी व्यवस्था से बाहर रखने पर सहमति जताई।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि राज्य विमान टरबाइन ईंधन को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने पर सहमत नहीं हैं।
उन्होंने यहां 55वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ”राज्य इस बारे में सहज नहीं थे। वे एटीएफ नहीं चाहते थे, क्योंकि वे इसे कच्चे पेट्रोलियम-डीजल उत्पाद की श्रेणी में देखते हैं और इसलिए उन्होंने कहा कि इसे अकेले नहीं हटाया जा सकता। इसलिए इस पर यथास्थिति बनी हुई है।”
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि बीमा प्रीमियम पर जीएसटी में कमी के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया, क्योंकि मंत्रियों के समूह (जीओ) को इस मुद्दे का अध्ययन करने के लिए अधिक समय की जरूरत थी।
उन्होंने कहा कि बीमा नियामक इरडा सहित कई पक्षों से सुझावों का इंतजार है।
उन्होंने आगे कहा कि जीएसटी परिषद ने दर युक्तिकरण के संबंध में निर्णय को भी स्थगित कर दिया है, क्योंकि जीओएम को व्यापक अध्ययन के लिए अधिक समय की जरूरत है।
इस बीच 148 वस्तुओं पर कर की दर में फेरबदल की मंत्रिसमूह की बहुचर्चित सिफारिश परिषद के समक्ष नहीं रखी गई। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली और राज्य सरकारों के वित्त मंत्रियों वाली परिषद के कुछ सदस्यों ने महसूस किया कि बीमा कराधान के संबंध में अंतिम निर्णय पर पहुंचने से पहले और अधिक विचार-विमर्श की आवश्यकता है।
बीमा पर मंत्री समूह की समिति के प्रमुख बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि समूह, व्यक्तिगत, वरिष्ठ नागरिक पॉलिसियों के कराधान पर निर्णय लेने के लिए एक और बैठक की आवश्यकता है।
चौधरी ने यहां संवाददाताओं से कहा, “कुछ (परिषद) सदस्यों ने कहा कि इस पर और अधिक चर्चा की आवश्यकता है। हम (जीओएम) जनवरी में फिर मिलेंगे।”
जीएसटी परिषद ने प्राकृतिक आपदा से निपटने में संसाधन जुटाने के लिए आंध्र प्रदेश द्वारा कुछ विलासिता की वस्तुओं पर एक प्रतिशत आपदा उपकर लगाने की मांग पर विचार करने के लिए एक मंत्रिसमूह (जीओएम) गठित करने का निर्णय लिया है।
आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री पय्यावुला केशव ने कहा कि इस बात पर आम सहमति बनी है कि एक मंत्रिसमूह बनाया जाए। केशव ने कहा, “उपकर विलासिता की वस्तुओं और राज्य विशेष शुल्क पर लगाया जाएगा।” सितंबर-अक्टूबर में आंध्र प्रदेश में बाढ़ आई थी।
केशव ने कहा, “सामान्य स्थिति में वापस आने के लिए एक सहारे के लिए हमने एक प्रतिशत उपकर का सुझाव दिया है। जीओएम स्थापित करने के लिए आम सहमति थी।”
जीएसटी परिषद ने शनिवार को पॉपकॉर्न पर कर के बारे में स्पष्टीकरण जारी करने पर सहमति जताई। परिषद ने कहा कि पहले से पैक और लेबल वाले खाने के लिए तैयार स्नैक्स पर 12 प्रतिशत कर लगेगा। जीएसटी परिषद ने कहा कि अगर स्नैक्स कारमेलाइज्ड है, तो उस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू होगा।
खाने के लिए तैयार पॉपकॉर्न, जिसमें नमक और मसाले मिलाए जाते हैं, यदि वह पहले से पैक है और उस पर लेबल नहीं लगा है, तो उस पर इस समय पांच प्रतिशत जीएसटी लागू है। यदि इसे पैक करके और लेबल के साथ तैयार किया जाता है, तो 12 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है।
हालांकि, जब पॉपकॉर्न को चीनी के साथ मिलाया जाता है (कारमेल पॉपकॉर्न), तो इसका मूल गुण चीनी कन्फेक्शनरी के समान हो जाता है, और स्पष्टीकरण के अनुसार इस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद ने फोर्टिफाइड चावल पर कर की दर घटाकर पांच प्रतिशत कर दी है। उन्होंने बताया कि जीन थेरेपी को अब जीएसटी से छूट दी गई है।
जीएसटी परिषद ने स्विगी और जोमैटो जैसे खाद्य वितरण मंचों के लिए कर दरों पर निर्णय भी स्थगित कर दिया।
भाषा पाण्डेय
पाण्डेय