बजट में मानक कटौती दोगुनी करने या कर छूट की सीमा बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये करने पर हो विचार् ईवाई

बजट में मानक कटौती दोगुनी करने या कर छूट की सीमा बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये करने पर हो विचार् ईवाई

  •  
  • Publish Date - June 26, 2024 / 04:18 PM IST,
    Updated On - June 26, 2024 / 04:18 PM IST

नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) सरकार को आगामी बजट में नई रियायती कर व्यवस्था के तहत मानक कटौती को दोगुना करके एक लाख रुपये करना चाहिए या मूल कर छूट की सीमा को बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये करना चाहिए। कर और सलाहकार कंपनी ईवाई ने यह राय जताई है।

आगामी बजट में कराधान सुधारों की प्राथमिकताओं का उल्लेख करते हुए ईवाई ने कहा है कि सरकार को कर ढांचे को सुव्यवस्थित करने, आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत ढांचे को बेहतर बनाने और निवेश तथा वृद्धि के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने को प्राथमिकता देनी चाहिए।

ईवाई ने सुझाव दिया कि कॉरपोरेट कर की दरों में स्थिरता रखी जाए, टीडीएस प्रावधान को युक्तिसंगत बनाया जाए, तथा विवाद समाधान को सुव्यवस्थित किया जाए।

कंपनी ने कहा कि व्यक्तिगत कर के मोर्चे पर छूट/कटौती के बिना रियायती कर व्यवस्था जारी रहनी चाहिए।

ईवाई ने नई सरकार के समक्ष नीतिगत प्राथमिकताओं को सूचीबद्ध करते हुए कहा कि इसे और अधिक आकर्षक बनाने के लिए रियायती कर व्यवस्था के तहत मानक कटौती को मौजूदा 50,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया जा सकता है या कर छूट सीमा को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये किया जा सकता है।

वर्तमान कर प्रणाली के तहत करदाता पुरानी व्यवस्था और कम दरों और नई रियायती व्यवस्था के बीच चयन कर सकते हैं। जहां पुरानी व्यवस्था में विभिन्न छूट और कटौती प्रदान की जाती है तो वहीं नई कर व्यवस्था में 50,000 रुपये की मानक कटौती प्रदान की जाती है लेकिन कोई छूट प्रदान नहीं की जाती है।

ईवाई ने कहा कि सरकार ने प्रौद्योगिकी और डेटा-संचालित कर अनुपालन प्रक्रियाओं में सुधार के लिए कई स्वागतयोग्य कदम उठाए हैं। इनमें पहले से भरे गए रिटर्न, वार्षिक सूचना विवरण, कर भुगतान में आसानी, रिटर्न और रिफंड की तेज प्रक्रिया आदि हैं। इससे स्वैच्छिक कर अनुपालन की स्थिति बेहतर हुई है।

भाषा अनुराग अजय

अजय