नयी दिल्ली, 20 जनवरी (भाषा) इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने सोमवार को कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में उपभोग मांग और पूंजीगत व्यय को बढ़ावा देते हुए राजकोषीय मजबूती की रूपरेखा पर ध्यान केंद्रित किये जाने की जरूरत है।
केंद्र ने वित्त वर्ष 2021-22 के आम बजट में वित्त वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय स्थिति को सुदृढ़ करने का लक्ष्य रखा था। इसके अनुसार, राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.5 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य है।
इंडिया रेटिंग्स ने कहा, ‘‘निर्धारित लक्ष्यों का पालन राजकोष के मोर्चे पर भरोसा बनाता है। विभिन्न पक्षों विशेष रूप से निवेशकों के लिए अर्थव्यवस्था की राजकोषीय स्थिति का आकलन करने के लिए यह महत्वपूर्ण है। यह मुद्रास्फीति को कम करने में भी मदद करता है जो वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान ऊंची बनी रही है।’’
उसने कहा, ‘‘यह अर्थव्यवस्था में कमजोर उपभोग मांग का एक कारण है जिसने निजी निवेश को देखो और इंतजार करो की स्थिति में रखा है। इस प्रकार, आयकर राहत के माध्यम से अर्थव्यवस्था में उपभोग मांग को प्रोत्साहित करने के उपायों की घोषणा आगामी बजट में की जा सकती है।’’
पिछली तीन तिमाहियों में आर्थिक वृद्धि में नरमी के बीच इंडिया रेटिंग्स को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट में लघु और दीर्घकालिक एजेंडा पर ध्यान दिया जाएगा। इसमें राजकोषीय मजबूती का खाका, एक संशोधित राजकोषीय खाका, खपत मांग और बुनियादी ढांचा तथा विनिर्माण पूंजीगत व्यय को बढ़ावा देना शामिल है।
वित्त वर्ष 2021-22 के बाद, केंद्र सरकार आपूर्ति पक्ष की बाधाओं को दूर करने में मदद के लिए बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
इंडिया रेटिंग्स को उम्मीद है कि 2025-26 के बजट में भी बुनियादी ढांचे पर जोर रहेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को 2025-26 का बजट पेश करेंगी।
एक बयान में कहा गया है, ‘‘वित्त वर्ष 2024-25 में आर्थिक वृद्धि दर में नरमी और वित्त वर्ष 2025-26 में संभावित मामूली सुधार के बावजूद, इंडिया रेटिंग्स को उम्मीद है कि सरकार… राजकोषीय मजबूती की रूपरेखा का पालन करेगी।’’
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 में बाजार मूल्य पर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 10.2 प्रतिशत रहेगी।
इंडिया रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री और सार्वजनिक वित्त मामलों के प्रमुख देवेन्द्र कुमार पंत ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि सरकार वित्त वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 4.5 प्रतिशत से नीचे रख सकती है।’’
भाषा रमण अजय
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