बजट राजकोषीय हालात से समझौता किए बगैर वृद्धि पर केंद्रितः बैंकर

बजट राजकोषीय हालात से समझौता किए बगैर वृद्धि पर केंद्रितः बैंकर

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  • Publish Date - July 23, 2024 / 08:41 PM IST,
    Updated On - July 23, 2024 / 08:41 PM IST

मुंबई, 23 जुलाई (भाषा) देश के शीर्ष बैंक अधिकारियों ने मंगलवार को लोकसभा में पेश बजट में प्रस्तावित उपायों की सराहना करते हुए कहा कि ये कदम राजकोषीय स्थिति पर कोई समझौता किए बगैर वृद्धि पर केंद्रित हैं।

बैंकों के शीर्ष संगठन इंडियन बैंक एसोसिएशन के चेयरमैन और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के प्रमुख एम वी राव ने कहा, ‘यह राजकोषीय गणित से भटके बगैर बुनियादी ढांचे के विकास, घरेलू रोजगार एवं कौशल में सुधार और अर्थव्यवस्था के समग्र विकास पर केंद्रित बजट है।’

उन्होंने कहा कि बजट समग्र रूप से रोजगार, कौशल, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित करके घरेलू वृद्धि उपायों को प्रोत्साहित करता है।

देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने इसे ‘समावेशी बजट’ बताते हुए कहा कि इन प्रस्तावों से अर्थव्यवस्था में सुस्त पड़ती खपत गतिविधि को बढ़ावा मिलेगा।

खारा ने पीटीआई-भाषा वीडियो के साथ बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) जैसी घोषणाओं से बैंकों को मदद मिलेगी, जिससे ऋण वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने ऋण वसूली पर विशिष्ट उपायों का भी स्वागत किया।

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य कार्यकारी और प्रबंध निदेशक देबदत्त चंद ने कहा कि बजट और इसके पहले पेश आर्थिक समीक्षा अर्थव्यवस्था के लिए मध्यम अवधि के विकास पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र के लिए छोटे व्यवसायों, शिक्षा ऋण पर जोर और ऋण वसूली न्यायाधिकरणों को उन्नत करने जैसे सकारात्मक पहलू हैं।

आईआईएफएल होम फाइनेंस के मुख्य कार्यकारी मोनू रात्रा ने कहा, ‘ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में पीएमएवाई 2.0 के तहत अतिरिक्त तीन करोड़ घरों के निर्माण की प्रतिबद्धता परिदृश्य बदल देने वाली पहल है जो समूचे आवास वित्त पारिस्थितिकी में विकास को प्रेरित करेगी।’

विदेशी ऋणदाता स्टैंडर्ड चार्टर्ड की जरीन दारूवाला ने कहा कि राजकोषीय घाटे में कमी आने से सरकारी उधारी कम होगी और सूचकांक समावेशन प्रवाह के साथ मिलकर समूची अर्थव्यवस्था में ब्याज दरों में कमी आएगी।

भाषा प्रेम प्रेम पाण्डेय

पाण्डेय