तिरुवनंतपुरम, 26 जनवरी (भाषा) केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने उम्मीद जताई है कि आगामी आम बजट में सामाजिक और बुनियादी ढांचा विकास के लिए और ज्यादा कोष जारी किया जाएगा। साथ ही राज्यों के संबंध में केंद्र की राजकोषीय नीति दुरूस्त की जाएगी।
जीएसटी कार्यान्वयन और केंद्रीय कोष में हिस्सेदारी के संबंध में राज्यों के प्रति केंद्र सरकार के रुख के आलोचक रहे वामपंथी नेता ने कहा कि ‘केरल के प्रति हुआ गंभीर भेदभाव बंद होना चाहिए।’
बालगोपाल ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि केंद्र के दृष्टिकोण के कारण राज्य में वित्तीय संकट है और इसीलिए राज्य के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री एक फरवरी, 2023 को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आम बजट पेश करेंगीं।
उन्होंने कहा, ”जहां तक केरल की बात है, केंद्रीय करों में हिस्सेदारी प्रतिशत के मामले में भारी गिरावट हुई है।” बालगोपाल ने केंद्र सरकार पर विभाज्य पूल से कोष आवंटन में केरल से भेदभाव करने के गंभीर आरोप लगाए।
उन्होंने कहा कि 10वें वित्त आयोग के समय विभाज्य पूल में राज्य की हिस्सेदारी 3.92 प्रतिशत थी। वहीं अब 15वें वित्त आयोग के समय विभाज्य पूल से राज्य को सिर्फ 1.92 प्रतिशत मिल रहा है।
बालगोपाल ने कहा कि केरल को यह हवाला देते हुए उसका हिस्सा नहीं दिया जाता है कि राज्य ने शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य मूलभूत संचरनाओं में विकास कर लिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘दरअसल, हम दूसरी पीढ़ी की समस्याओं का सामना कर रहे हैं। मौजूदा व्यवस्था से विकास के लिए हमें और मदद की जरूरत है।’’
बालगोपाल ने कहा कि राज्यों के वित्त मंत्रियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण से चर्चा के दौरान जीएसटी क्षतिपूर्ति को लेकर समयसीमा बढ़ाने का आग्रह किया था।
उन्होंने कहा कि राज्यों को पिछले साल जुलाई से जीएसटी क्षतिपूर्ति नहीं मिल रही है। इसके अलावा केरल ने केंद्र सरकार से जीएसटी राजस्व केंद्र और राज्यों में विभाजित करने के स्वरूप में बदलाव करने का भी आग्रह किया था।
बोलगोपाल ने कहा, ”हमने आग्रह किया था कि केंद्र और राज्यों के बीच जीएसटी राजकोष का बंटवारा 50:50 से बदलकर राज्यों के हक में 60:40 के अनुपात में कर देना चाहिए।”
भाषा अनुराग रमण
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