ब्रिक्स देश स्थानीय मुद्रा में व्यापार, वित्तीय निपटान के लिए सहमत

ब्रिक्स देश स्थानीय मुद्रा में व्यापार, वित्तीय निपटान के लिए सहमत

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  • Publish Date - October 23, 2024 / 08:42 PM IST,
    Updated On - October 23, 2024 / 08:42 PM IST

कजान, 23 अक्टूबर (भाषा) ब्रिक्स देशों ने बुधवार को स्थानीय मुद्राओं में व्यापार और वित्तीय निपटान की मजबूत व्यवस्था बनाने पर सहमति जतायी। साथ ही स्वतंत्र रूप से काम करने वाला सीमापार निपटान और डिपॉजिटरी बुनियादी ढांचे की व्यावहारिकता का अध्ययन करने और ब्रिक्स पुनर्बीमा कंपनी पर भी सहमति व्यक्त की।

सदस्य देशों के नेताओं ने 21वीं सदी में नव विकास बैंक को एक नये प्रकार के बहुपक्षीय विकास बैंक (एमडीबी) के रूप में विकसित करने पर भी सहमति जतायी और ब्रिक्स के नेतृत्व वाले बैंक की सदस्यता को बढ़ाने का समर्थन किया।

यहां 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद जारी घोषणापत्र में नेताओं ने ब्रिक्स के भीतर वित्तीय सहयोग बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी।

घोषणापत्र में कहा गया है, ‘‘हम व्यापार बाधाओं को कम करने और गैर-भेदभावपूर्ण पहुंच के सिद्धांत पर तैयार तेज, कम लागत वाले, कुशल, पारदर्शी, सुरक्षित और समावेशी सीमापार भुगतान उत्पादों के व्यापक लाभ को समझते हैं।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘हम ब्रिक्स देशों और उनके व्यापारिक भागीदारों के बीच वित्तीय लेनदेन में स्थानीय मुद्राओं के उपयोग का स्वागत करते हैं।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए यहां आए हुए हैं।

ब्रिक्स नेताओं ने समूह के भीतर ‘कॉरेसपॉन्डेंट बैंकिंग नेटवर्क’ को मजबूत करने और ब्रिक्स सीमापार भुगतान पहल (बीसीबीपीआई) के अनुरूप स्थानीय मुद्राओं में निपटान को सक्षम बनाने की बात कही, जो स्वैच्छिक और गैर-बाध्यकारी है।

‘कॉरेसपॉन्डेंट बैंक’ वित्तीय संस्थान हैं जो विभिन्न देशों में बैंकों के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करते हैं और एक दूसरे को बैंक सेवाएं प्रदान करते हैं।

ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। इसके अलावा, अब पांच अतिरिक्त सदस्यों… मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को इसमें शामिल किया गया है।

नेताओं ने ब्रिक्स देशों के वित्तीय बाजारों के बुनियादी ढांचे को जोड़ने की व्यावहारिकता का पता लगाने के महत्व को भी स्वीकार किया।

घोषणापत्र में कहा गया है, ‘‘हम एक स्वतंत्र सीमापार निपटान और डिपॉजिटरी बुनियादी ढांचे, ब्रिक्स क्लियर की स्थापना की व्यावहारिकता पर चर्चा और अध्ययन करने के लिए सहमत हैं। यह मौजूदा वित्तीय बाजार से संबंधित बुनियादी ढांचे का पूरक होगा।’’ साथ ही सदस्य देश स्वैच्छिक आधार पर भागीदारी के साथ ब्रिक्स (पुनर्बीमा) कंपनी समेत ब्रिक्स स्वतंत्र पुनर्बीमा क्षमता विकसित करने पर सहमत हुए हैं।

भाषा रमण अजय

अजय