ब्रिक्स नेताओं ने डब्ल्यूटीओ की दो-स्तरीय विवाद निपटान प्रणाली का समर्थन किया

ब्रिक्स नेताओं ने डब्ल्यूटीओ की दो-स्तरीय विवाद निपटान प्रणाली का समर्थन किया

  •  
  • Publish Date - October 23, 2024 / 10:11 PM IST,
    Updated On - October 23, 2024 / 10:11 PM IST

(तस्वीर के साथ)

कजान, 23 अक्टूबर (भाषा) ब्रिक्स समूह के नेताओं ने बुधवार को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की दो-स्तरीय बाध्यकारी विवाद निपटान प्रणाली पर जोर देने का संकल्प लिया और एकतरफा व्यापार प्रतिबंधात्मक उपाय अपनाने की कोशिशों को नकार दिया।

रूस के कजान शहर में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान इस बात पर सहमति बनी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इस बैठक में शामिल हुए।

सम्मेलन में स्वीकृत ‘कजान घोषणापत्र’ के मुताबिक, ‘‘हम 2024 तक डब्ल्यूटीओ में सबके लिए सुलभ एक पूरी तरह कारगर दो-स्तरीय बाध्यकारी विवाद निपटान प्रणाली देने और बिना किसी देरी के अपीलीय निकाय के नए सदस्यों के चयन का लक्ष्य हासिल करने के लिए रचनात्मक रूप से जुड़ने को प्रतिबद्ध हैं।’’

इसमें कहा गया है कि ब्रिक्स के सदस्य देशों ने डब्ल्यूटीओ के भीतर नियम-आधारित, खुली, पारदर्शी, निष्पक्ष, पूर्वानुमानित, समावेशी, न्यायसंगत, गैर-भेदभावपूर्ण और आम सहमति-आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को अपना समर्थन दिया। ब्रिक्स देशों ने विकासशील देशों के लिए विशेष और अलग व्यवहार की भी वकालत की।

ब्रिक्स नेताओं ने डब्ल्यूटीओ में एकतरफा व्यापार प्रतिबंधात्मक उपायों को अपनाए जाने की कोशिश को नकारते हुए कहा कि यह वैश्विक संगठन के नियमों के साथ मेल नहीं खाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम देखते हैं कि कई लंबित मुद्दों में अभी और प्रयास करने की जरूरत है। हम डब्ल्यूटीओ में सुधार और इसके काम में विकासपरक आयाम को मजबूत करने के महत्व पर जोर देते हैं।’’

नेताओं ने डब्ल्यूटीओ से संबंधित मुद्दों पर ब्रिक्स का एक अनौपचारिक परामर्श ढांचा बनाए जाने का भी स्वागत किया।

कजान घोषणापत्र इस लिहाज से अहम है कि भारत डब्ल्यूटीओ में दो-स्तरीय विवाद समाधान प्रणाली पर जोर दे रहा है। वहीं अमेरिका जैसे विकसित देश वर्तमान व्यवस्था को कठोर बताते हुए इस प्रणाली में बदलाव की वकालत कर रहे हैं।

विवाद निपटान निकाय (डीएसबी) डब्ल्यूटीओ की एक महत्वपूर्ण शाखा है। डब्ल्यूटीओ के समक्ष शिकायत दर्ज होने के बाद विवाद निपटाने के दो मुख्य तरीके अपनाए जाते हैं। पहला, देश आपसी सहमति से समाधान ढूंढते हैं जबकि दूसरा तरीका न्याय-निर्णयन का है। अपीलीय निकाय विवादों के निपटारे की सर्वोच्च इकाई है।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय