नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बाइरैक) ने ब्लॉकचेन फॉर इम्पैक्ट (बीएफआआई) के साथ रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है। इस पहल का मकसद जैव चिकित्सा अनुसंधान और प्रौद्योगिकी आधारित अनुसंधान एवं विकास को गति देना है।
बुधवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि हाल में संपन्न ग्लोबल बायो इंडिया के चौथे संस्करण में विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह की मौजूदगी में रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की गयी। बाइरैक, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के अंतर्गत आने वाली इकाई है।
बीएफआई के संस्थापक संदीप नेलवाल ने कहा, ‘‘ मुझे पूरा विश्वास है कि डीबीटी-बाइरैक के साथ हमारी साझेदारी देश के जैव चिकित्सकीय क्षेत्र को आगे बढ़ाने की हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। हम भारत के अनुसंधान एवं विकास और जैव चिकित्सकीय क्षमताओं को विश्व मानचित्र पर लाने को इच्छुक हैं। ’’
आशय पत्र की घोषणा के समय प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. अजय कुमार सूद, भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. राजेश गोखले, बाइरैक के प्रबंध निदेशक डॉ. जितेंद्र कुमार, बायोकॉन की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) किरण मजूमदार शॉ समेत अन्य लोग मौजूद थे।
ब्लॉकचेन फॉर इम्पैक्ट (बीएफआई) का मुख्य जोर जैव चिकित्सा अनुसंधान और नवोन्मेष पर है। इसका गठन भारत में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान जरूरतमंद लोगों की सहायता के मिशन के साथ की गई थी।
भाषा निहारिका रमण अजय
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