Share Market News: नई दिल्ली। क्या आप भी शेयर बाजार, म्युचुअल फंड या कमोडिटी मार्केट में निवेश करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम हो सकती है। बता दें कि लगभग 1.3 करोड़ डीमैट अकाउंट को होल्ड पर रखा गया है। ऐसे में जिनका भी अकाउंट होल्ड पर है, वे इसके जरिये किसी प्रकार का ट्रांजेक्शन नहीं कर सकते। KYC रजिस्ट्रेशन करने वाली संस्था केआरए (KRA) ने इसकी जानकारी दी है।
केवाईसी के बिना नहीं होगा कोई काम
KRA ने बाताया कि सेबी के दायरे में आने वाले करीब 11 करोड़ निवेशकों में से 1.3 करोड़ खाते ‘ऑन होल्ड’ हैं। इसका मतलब अब ये निवेशक बिना केवाईसी के शेयर, म्यूचुअल फंड और कमोडिटी में लेन-देन नहीं कर सकेंगे। जानकारी के मुताबिक, 1.3 करोड़ खाते अलग-अलग कारण से सेबी के नियमों के अनुरूप नहीं हैं। KRA की तरफ से जारी प्रेस नोट बताया गया कि जिनकी KYC सही तरीके से नहीं की गई है उन्हें शेयर, कमोडिटी और म्यूचुअल फंड में निवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
KYC के बाद भी होल्ड हुए अकाउंट
कई निवेशकों के KYC में PAN और आधार कार्ड की सही जानकारी नहीं थी। इतना ही नहीं दोनों को एक-दूसरे से लिंक भी नहीं किया गया था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पहले KYC के लिए बिजली बिल, टेलीफोन बिल या बैंक स्टेटमेंट को स्वीकार किया जाता था। लेकिन, अब सेबी इन दस्तावेजों को मंजूरी नहीं देता। इस कारण KYC को रीक्लासीफाई करने की जरूरत पड़ी।
ऐसे निवेशकों जारी रख सकेंगे इनवेस्टमेंट
बता दें कि 1 अप्रैल से KYC के नए नियम को लागू किया गया है। नए नियम के अनुसार, KYC संस्था KRA ने सभी निवेशकों के KYC को तीन हिस्सों में बांटा है। इसमें पहला वैलिडेटेड, दूसरा रजिस्टर्ड और तीसरा ऑन होल्ड है। तीनों हिस्से इस आधार पर किये गए हैं कि निवेशक ने KYC में अपना PAN, आधार, ईमेल और मोबाइल नंबर की जानकारी दी है या नहीं। ऐसे निवेशक जिनकी केवाईसी को वैलिडेट किया गया है उन्हें कुछ करने की जरूरत नहीं है और वे अपने इनवेस्टमेंट को जारी रख सकते हैं। KYC रजिस्टर्ड वाले भी अपना निवेश जारी रख सकते हैं। लेकिन, यदि वे किसी नए फंड हाउस में निवेश करते हैं या नया डीमैट अकाउंट खोलते हैं तो उन्हें फिर से KYC (Re-KYC) कराना होगा
73% खाताधारकों के वैलिड केवाईसी
केआरए की रिलीज के अनुसार 11 करोड़ निवेशकों में से करीब 7.9 करोड़ के वैलिड KYC हैं। इसके अलावा करीब 1.6 करोड़ निवेशकों के केवाईसी रजिस्टर्ड कैटेगरी में हैं, इनके पास निवेश करने का लिमिटेड एक्सेस है। वहीं, कुल निवेशकों में से 12% अपने डीमैट अकाउंट और एमएफ फोलियो को ऑपरेट नहीं कर सकते।