मुंबई, 17 जनवरी (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के मकसद से शुक्रवार को बैंकों से कहा कि लेनदेन संबंधी उद्देश्य के लिए ग्राहकों को कॉल करने के लिए केवल ‘1600xx’ नंबर शृंखला वाले फोन का ही उपयोग किया जाए।
इसके साथ ही आरबीआई ने एक परिपत्र में कहा कि बैंकों एवं अन्य विनियमित संस्थाओं (आरई) को सिर्फ ‘140xx’ नंबर शृंखला वाले फोन का ही उपयोग प्रचारात्मक उद्देश्यों के लिए करना चाहिए।
आरबीआई ने फोन कॉल और एसएमएस के जरिये की जाने वाली वित्तीय धोखाधड़ी रोकने के लिए बैंकों एवं अन्य विनियमित संस्थाओं को ग्राहकों से संबंधित आंकड़ों की निगरानी और हटाने के लिए भी कहा गया है।
रिजर्व बैंक ने अपने परिपत्र में कहा है कि डिजिटल लेनदेन के प्रसार से सुविधा और दक्षता आने के साथ धोखाधड़ी में भी बढ़ोतरी हुई है जो एक गंभीर चिंता का विषय है। उसने इस बारे में ठोस कार्रवाई की जरूरत भी बताई है।
ग्राहक का मोबाइल नंबर एक सर्वव्यापी पहचानकर्ता के रूप में उभरा है। यह ओटीपी, लेनदेन संबंधी अलर्ट और खाते को अद्यतन करने जैसे संवेदनशील भुगतान संचार के जरिये खाता प्रमाणीकरण और सत्यापन प्रक्रिया में मददगार है।
आरबीआई ने परिपत्र में कहा है कि ग्राहक के मोबाइल नंबर का दुरुपयोग जालसाजों द्वारा विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन और अन्य धोखाधड़ी करने के लिए कई तरीकों से किया जा सकता है।
रिजर्व बैंक के मुताबिक, इस आशंका से बचने के लिए बैंक केवल ‘1600xx’ नंबर शृंखला के ही जरिये लेनदेन/ सेवा कॉल करें और केवल ‘140xx’ शृंखला वाले फोन नंबरों के जरिये ही प्रचारात्मक फोन कॉल करें।
इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा जारी ‘वॉयस कॉल या एसएमएस के माध्यम से दूरसंचार संसाधनों का उपयोग करके वाणिज्यिक संचार भेजने के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देशों’ का पालन करने को भी कहा है।
आरबीआई ने बैंकों और एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) से कहा कि वे अपने ग्राहकों के डेटाबेस की निगरानी और उसे हटाने के लिए दूरसंचार विभाग और संचार मंत्रालय द्वारा विकसित डिजिटल आसूचना मंच (डीआईपी) पर उपलब्ध मोबाइल नंबर निरस्तीकरण सूची (एमएनआरएल) का उपयोग करें।
धोखाधड़ी के जोखिम की निगरानी और रोकथाम को बढ़ाने के लिए विनियमित संस्थाओं से कहा गया है कि वे आवश्यक कार्रवाई को शामिल करते हुए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) विकसित करें।
परिपत्र में कहा गया है कि उचित सत्यापन के बाद पंजीकृत मोबाइल नंबर (आरएमएन) को अद्यतन करने और निरस्त मोबाइल नंबरों से जुड़े खातों की निगरानी बढ़ाने पर भी ध्यान देना होगा। फोन नंबर से जोड़े गए खातों को साइबर धोखाधड़ी में शामिल होने से रोकने के लिए ऐसा करना जरूरी है।
रिजर्व बैंक ने सभी विनियमित संस्थाओं से कहा है कि वे इन निर्देशों का अनुपालन शीघ्रता से सुनिश्चित करें और यह कार्य किसी भी स्थिति में 31 मार्च, 2025 तक हो जाना चाहिए।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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