मुंबई, 27 मार्च (भाषा) उद्योगों को बैंक कर्ज में 21 फरवरी, 2025 को समाप्त पखवाड़े में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 8.4 प्रतिशत था। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
प्रमुख उद्योगों में, ‘पेट्रोलियम, कोयला उत्पाद और परमाणु ईंधन’, ‘सभी इंजीनियरिंग’, ‘निर्माण’ और ‘कागज और इसके उत्पादों’ के लिए बकाया ऋण में सालाना आधार पर बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए ऋण में 21 फरवरी, 2025 को समाप्त पखवाड़े तक 11.4 प्रतिशत (साल-दर-साल) की वृद्धि दर्ज की गई (पिछले वर्ष इसी पखवाड़े के लिए 20 प्रतिशत)।
रिजर्व बैंक ने 41 चुनिंदा बैंकों से जुटाए गए आंकड़ों के आधार पर फरवरी, 2025 के लिए विभिन्न क्षेत्रों का बैंक कर्ज का आंकड़ा जारी किया है। यह सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा दिए गए कुल गैर-खाद्य ऋण का लगभग 95 प्रतिशत है।
सालाना आधार पर 21 फरवरी, 2025 को समाप्त पखवाड़े तक गैर-खाद्य बैंक ऋण पिछले वर्ष के इसी पखवाड़े (23 फरवरी, 2024) के 16.6 प्रतिशत की तुलना में 12 प्रतिशत बढ़ा।
आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि 21 फरवरी, 2025 को समाप्त पखवाड़े तक सेवा क्षेत्र को दिए गए ऋण में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। पिछले वर्ष के इसी पखवाड़े के लिए यह 21.4 प्रतिशत थी। जबकि ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों’ (एनबीएफसी) को दिए गए ऋण में वृद्धि धीमी रही।
हालांकि, ‘कंप्यूटर सॉफ्टवेयर’ क्षेत्र को कर्ज में तेजी आई और ‘पेशेवर सेवाओं’ और ‘व्यापार’ क्षेत्रों में ऋण वृद्धि मजबूत रही। व्यक्तिगत ऋण खंड में कर्ज में 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि एक वर्ष पहले यह 18 प्रतिशत थी।
भाषा अजय अजय रमण
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