नयी दिल्ली, आठ नवंबर (भाषा) बजाज हिंदुस्तान शुगर का सितंबर में समाप्त चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही का एकीकृत घाटा कम होकर 76.17 करोड़ रुपये रह गया है। खर्चों में कमी से कंपनी घाटे को नीचे लाने में सफल रही है।
देश की सबसे बड़ी एकीकृत चीनी उत्पादक कंपनी की उत्तर प्रदेश की गन्ना पेराई में 14 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। एक साल पहले समान तिमाही में कंपनी को 122.59 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि तिमाही के दौरान उसका राजस्व 1,163.26 करोड़ रुपये पर स्थिर रहा। कुल खर्च पहले के 1,286.18 करोड़ रुपये से घटकर 1,238.95 करोड़ रुपये रह गया।
कंपनी ने कहा, ‘‘कर्ज निपटान से हमारी वित्तीय लागत में उल्लेखनीय कमी आई है, जिससे गन्ना भुगतान और विकास गतिविधियों के लिए नकदी की स्थिति में सुधार हुआ है।’’
कंपनी ने कहा कि सरकार द्वारा न्यूनतम चीनी बिक्री मूल्य को 31 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 39-40 रुपये प्रति किलोग्राम करने पर विचार किए जाने के साथ-साथ एथनॉल की कीमतों में वृद्धि की संभावना के कारण आगे चीजें उज्ज्वल दिखाई दे रही हैं।
भाषा राजेश राजेश अजय
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