नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर (भाषा) विमानन नियामक डीजीसीए ने मंगलवार को कहा कि उसने स्पाइसजेट को अतिरिक्त निगरानी व्यवस्था से बाहर कर दिया है। एयरलाइन की तरफ से कमियों को दूर करने के लिए किए गए उपायों और दायित्वों को पूरा करने के लिए कोष जुटाये जाने के बाद यह कदम उठाया गया है।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 13 सितंबर को वित्तीय बाधाओं को देखते हुए एयरलाइन को अतिरिक्त निगरानी व्यवस्था के तहत रख दिया था। वित्तीय बाधाएं विमान रखरखाव से संबंधित एयरलाइन के अनिवार्य दायित्वों को प्रभावित कर सकती थीं।
नियामक ने एक बयान में कहा कि बढ़ी हुई निगरानी व्यवस्था के तहत डीजीसीए ने विभिन्न स्थानों पर कुल 266 ‘स्पॉट’ जांच की।
डीजीसीए के अनुसार, यह सुनिश्चित किया गया है कि जांच के दौरान पाई गई कमियों को दूर करने के लिए एयरलाइन उपयुक्त कदम उठाये।
नियामक ने कहा, ‘कमियों को दूर करने के लिए उठाये गये कदमों और कंपनी में अतिरिक्त राशि जुटाने के मद्देनजर, स्पाइसजेट को बढ़ी हुई निगरानी व्यवस्था से हटा दिया गया है।’
वित्तीय समस्याओं में फंसी स्पाइसजेट ने पिछले महीने संस्थागत निवेशकों से 3,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। उसके बाद से कंपनी ने विभिन्न बकाया देनदारियों को चुकाया है, कर्मचारियों को लंबित वेतन का भुगतान किया है और विमान पट्टे पर देने वाली कुछ कंपनियों के साथ भी समझौता किया है।
भाषा रमण प्रेम
प्रेम