नयी दिल्ली: Auto scrapping policy, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि वाहन कबाड़ नीति से कलपुर्जों की कीमतों में 30 प्रतिशत की कमी आने की उम्मीद है।
सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी में ‘टाइम्स ड्राइव ऑटो अवार्ड्स 2025’ में कहा कि ऐसे में वाहनों की कीमत में भी कमी आ सकती है, जिसका फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा।
Auto scrapping policy, उन्होंने कहा कि शहरों और राजमार्गों पर चार्जिंग अवसंरचना को बेहतर बनाने के लिए सरकार के विभिन्न कदमों से ईवी की मांग बढ़ेगी। गडकरी ने कहा कि कच्चे माल की कीमतों में कमी आने से ईवी की स्वीकार्यता में भी तेजी आएगी।
मंत्री ने कहा, ‘‘हम कबाड़ नीति लेकर आए हैं, जिससे वाहन कलपुर्जों की कीमतों में 30 प्रतिशत की कमी आएगी।’’ वाहन कलपुर्जों की कीमतों का वाहनों की कीमतों पर सीधा असर पड़ता है।
गडकरी ने कहा कि भारत में लिथियम-आयन बैटरी की कीमतों में भी कमी आई है। उन्होंने कहा कि अदाणी समूह और टाटा जैसी कई बड़ी कंपनियां भारत में बड़े पैमाने पर लिथियम-आयन बैटरियों का उत्पादन करने जा रही हैं।
read more: Bilaspur-Nagpur Vande Bharat Express: SECR की पहली ISO सर्टिफाइड ट्रेन बनी बिलासपुर- नागपुर वंदे भारत एक्सप्रेस, जानें क्यों दिया जाता है ये सर्टिफिकेट
read more: मथुरा में करीब तीन करोड़ रुपये कीमत की हेरोइन के साथ एक तस्कर गिरफ्तार
Auto Scrapping Policy क्या है?
यह एक सरकारी नीति है जिसके तहत पुराने, अनुपयोगी और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को वैज्ञानिक तरीके से कबाड़ में बदला जाता है। इसका उद्देश्य सड़क सुरक्षा बढ़ाना, प्रदूषण कम करना और नए वाहनों के निर्माण में पुनर्नवीनीकरण सामग्री का उपयोग बढ़ाना है।
इस नीति से वाहनों की कीमतों पर क्या असर पड़ेगा?
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार, इस नीति से वाहन कलपुर्जों की कीमतों में 30% तक की कमी आने की उम्मीद है। इससे नए वाहनों की लागत कम हो सकती है, जिससे उपभोक्ताओं को लाभ होगा।
क्या इस नीति से ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) को बढ़ावा मिलेगा?
हां, सरकार चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बना रही है और लिथियम-आयन बैटरियों की कीमतें भी कम हो रही हैं। इससे ईवी की मांग और स्वीकार्यता दोनों में वृद्धि होगी।
भारत में लिथियम-आयन बैटरियों के उत्पादन को लेकर क्या प्रगति हो रही है?
अदाणी समूह, टाटा जैसी बड़ी कंपनियां भारत में लिथियम-आयन बैटरियों का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने की योजना बना रही हैं। इससे बैटरियों की कीमतों में गिरावट आएगी और ईवी को अपनाने में तेजी आएगी।