अटारी-वाघा सीमा बंद होने से अफगानिस्तान से सूखे मेवों के आयात पर असर पड़ने की आशंका

अटारी-वाघा सीमा बंद होने से अफगानिस्तान से सूखे मेवों के आयात पर असर पड़ने की आशंका

अटारी-वाघा सीमा बंद होने से अफगानिस्तान से सूखे मेवों के आयात पर असर पड़ने की आशंका
Modified Date: April 28, 2025 / 05:15 pm IST
Published Date: April 28, 2025 5:15 pm IST

नयी दिल्ली, 28 अप्रैल (भाषा) पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद अटारी-वाघा सीमा बंद होने से अफगानिस्तान से भारत आने वाले सूखे मेवों का आयात प्रभावित हो सकता है।

निर्यातकों के अनुसार ऐसे में बादाम, किशमिश, खुबानी और पिस्ता जैसे सूखे मेवों की घरेलू कीमतों में उछाल आ सकता है।

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पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है।

भारत ने इस घटना के विरोध में कई कदम उठाए, जिसमें अटारी सीमा को तुरंत बंद करना शामिल है। अटारी पंजाब में अमृतसर के पास है।

जवाबी कार्रवाई में, पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी तरह के व्यापार को तत्काल निलंबित कर दिया। इसमें पाकिस्तान के माध्यम से किसी तीसरे देश के साथ होने वाला व्यापार भी शामिल है।

भारत अटारी-वाघा सीमा के जरिये अफगानिस्तान के साथ व्यापार कर रहा था और मौजूदा स्थिति में काबूल के साथ भारत का आयात-निर्यात प्रभावित होगा।

भारत ने 2024-25 (अप्रैल-जनवरी) में अफगानिस्तान को 26.41 करोड़ डॉलर का निर्यात किया, जबकि इसी अवधि में आयात 59.14 करोड़ डॉलर का था। इसमें सूखे मेवों की आवक 35.8 करोड़ डॉलर थी।

अफगानिस्तान से भूमि मार्ग के जरिये किये जाने वाले आयात में सूखे मेवे, हींग और केसर शामिल हैं।

दिल्ली स्थित एक आयातक ने कहा कि भूमि मार्ग के बंद होने से सूखे मेवों के आयात पर असर पड़ेगा।

खारी बावली ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव बत्रा ने कहा, ”हालांकि, तत्काल कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन दस दिनों के बाद आयात पूरी तरह से बंद हो जाएगा। उसके बाद राष्ट्रीय राजधानी में कीमतें 20 प्रतिशत तक बढ़ जाएंगी।”

उन्होंने कहा, ”मेवे अब यूएई, ईरान और इराक जैसे देशों से आएंगे, क्योंकि ये अफगान सूखे मेवों के लिए वैकल्पिक मार्ग के रूप में काम करेंगे।”

भाषा पाण्डेय रमण

रमण


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