मीडिया कंपनी के खिलाफ ‘धोखाधड़ी’ मामले में 100 करोड़ रुपये की संपत्ति बैंकों को लौटाई गई

मीडिया कंपनी के खिलाफ 'धोखाधड़ी' मामले में 100 करोड़ रुपये की संपत्ति बैंकों को लौटाई गई

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  • Publish Date - January 30, 2025 / 07:07 PM IST,
    Updated On - January 30, 2025 / 07:07 PM IST

नयी दिल्ली, 30 जनवरी (भाषा) वित्तीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंकों के एक गठजोड़ को 100 करोड़ रुपये की संपत्ति लौटा दी है। दिल्ली की एक मीडिया कंपनी ने कथित तौर पर बैंकों के गठजोड़ के साथ धोखाधड़ी की थी।

ये संपत्तियां पिक्सियन मीडिया लिमिटेड के परिसमापक (बैंकों की ओर से) को ‘वापस’ कर दी गईं।

जांच एजेंसी ने बृहस्पतिवार को बयान में कहा कि धन शोधन रोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जांच के दौरान लगभग 156 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई थी। इनमें वाणिज्यिक और आवासीय संपत्तियां और बैंक जमा शामिल हैं।

प्रवर्तन निदेशालय ने यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा पिक्सियन मीडिया प्राइवेट लिमिटेड, पर्ल विजन प्राइवेट लिमिटेड, महुआ मीडिया प्राइवेट लिमिटेड, सेंचुरी कम्युनिकेशन लिमिटेड, पिक्सियन विजन प्राइवेट लिमिटेड और पर्ल स्टूडियोज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ दर्ज मुकदमे (एफआईआर) के आधार पर दायर किया था।

ये मुकदमा प्रबोध कुमार तिवारी उर्फ ​​पीके तिवारी से संबंधित हैं, जिनपर बैंकों से 657.11 करोड़ रुपये की ‘धोखाधड़ी’ करने का आरोप है।

एजेंसी ने बताया कि सीबीआई की एफआईआर पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, भारतीय स्टेट बैंक और बैंक ऑफ इंडिया सहित अन्य बैंकों की लिखित शिकायतों के आधार पर दर्ज की गई थी।

एजेंसी ने कहा कि ऋणदाता बैंकों ने दिवाला और ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू की थी और अगस्त, 2019 में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) द्वारा एक परिसमापक नियुक्त किया गया था।

एजेंसी ने कहा कि बैंकों (कुर्क की गई संपत्तियों के वैध दावेदार) ने कुर्क की गई संपत्तियों में से ‘कुछ’ की बहाली के लिए विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष परिसमापक के माध्यम से आवेदन दायर किया, जिसके बाद ईडी ने पीएमएलए की धारा 8(8) के तहत इन संपत्तियों की वापसी के लिए अपनी सहमति दे दी।

अदालत ने 29 जनवरी को पिक्सियन मीडिया प्राइवेट लिमिटेड और पर्ल विजन प्राइवेट लिमिटेड के परिसमापक को लगभग 100 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति वापस करने का आदेश जारी किया।

भाषा अनुराग अजय

अजय