(प्रसून श्रीवास्तव)
जयपुर, 10 दिसंबर (भाषा) पेटीएम के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विजय शेखर शर्मा ने मंगलवार को कहा कि कामकाज में श्रमबल की जगह लेने वाली प्रौद्योगिकियों को अपनाने में विफल रहने वाली स्टार्टअप कंपनियां लंबे समय तक टिक नहीं पाएंगी।
हालांकि, शर्मा ने राइजिंग राजस्थान वैश्विक निवेश सम्मेलन में कहा कि उनकी कंपनी को प्रौद्योगिकी के विकास और कृत्रिम मेधा (एआई) को अपनाने को समर्थन के लिए और लोगों की जरूरत होगी।
यह पूछे जाने पर कि क्या पेटीएम भी अपने कार्यबल को कम करने के लिए प्रौद्योगिकियों पर विचार कर रही है, उन्होंने कहा, ‘‘हमें प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहायता के लिए और अधिक लोगों को नियुक्त करने की आवश्यकता होगी। प्रौद्योगिकी अपनाने से प्रौद्योगिकी कंपनियां मजबूत होंगी।’’
शर्मा ने डिजिटल बदलाव पर आयोजित सत्र में कहा कि जो कुछ भी शारीरिक या मानसिक रूप से किया जा रहा है, उसका स्थान एआई लेगी। जैसे कार चलाना और और कोड लिखना। मानव कार्यों को प्रतिस्थापित करने के लिए प्रौद्योगिकी विकसित नहीं करने वाले स्टार्टअप लंबे समय तक नहीं चल पाएंगे।
शर्मा ने कहा, ‘‘यदि आप एक ऐसा स्टार्टअप नहीं बना रहे हैं जो मनुष्य के काम करने की बाध्यता को समाप्त कर देता है, तो आप एक ऐसी कंपनी नहीं बना रहे हैं जो पांच साल बाद भी बनी रहेगी।’’
शर्मा ने कहा कि पहले कंपनियां कर्मचारियों की संख्या से जानी जाती थीं लेकिन अब एक व्यक्ति वाली कंपनियां भी हो रही हैं जहां एआई उनका मुख्य वित्त अधिकारी, मुख्य मानव संसाधन अधिकारी है।
उन्होंने कहा, ‘‘मशीनें उन प्रक्रियाओं और प्रणालियों का ध्यान रखेंगी जो आमतौर पर मनुष्य करते हैं…।’’
शर्मा ने कहा कि एआई अर्थव्यवस्था, व्यापार और काम के लिहाज व्यापक स्तर पर बदलाव लाएगी। यह उन लोगों और देशों के हाथों में शक्ति केंद्रित करेगी जिनके पास कंप्यूटर और उन प्रणालियों का उपयोग करने की क्षमता है।
शर्मा ने कहा, ‘‘मैं यह सोचकर परेशान हो जाता हूं कि हमारे देश के कार्यबल का क्या होगा।’’
भाषा रमण अजय
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