नयी दिल्ली । आम बजट से पहले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आरोप लगाया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अभी भी कोविड महामारी के दौरान लगे झटके से उबर नहीं पाई है। इसके साथ ही माकपा ने महामारी के विनाशकारी प्रकोप से निपटने के तौर-तरीकों को लेकर सरकार की आलोचना भी की। माकपा के मुखपत्र ”पीपुल्स डेमोक्रेसी” के ताजा संपादकीय में सरकार से मांग की गई है कि कराधान और सार्वजनिक व्यय का उपयोग मेहनतकश जनता के पक्ष में, किसानों की आय में सुधार, रोजगार पैदा करने और बेहतर स्वास्थ्य तथा शिक्षा के लिए किया जाना चाहिए।
Read More: Vidisha news : करंट की चपेट में आए दो भाई, मौके पर हुई मौत, घटनास्थल पर पहुंची पुलिस
पार्टी ने कहा है कि वित्त वर्ष 2023-24 का बजट ऐसे समय में पेश किया जाने वाला है जब भारतीय और विश्व, दोनों अर्थव्यवस्थाएं गंभीर हालात का सामना कर रही हैं। संपादकीय के मुताबिक, ”(नरेंद्र) मोदी सरकार के लंबे-चौड़े दावों के बावजूद, भारत की अर्थव्यवस्था अभी तक कोविड महामारी के प्रकोप और जिस विनाशकारी तरीके से इसे भारत सरकार ने संभाला है, उससे उबर नहीं पाई है।”
Namrata Malla Sexy Video: नम्रता मल्ला के इस वीडियो ने इंटरनेट में लगाई आग, देख कर आहें भर रहे फैंस
इसमें कहा गया है कि पिछले कुछ दशकों का ‘नवउदारवादी भूमंडलीकरण’ अपने विरोधाभासों की वजह से निष्प्रभावी हो गया है लिहाजा भारत को न केवल एक अस्थायी वैश्विक मंदी के लिए, बल्कि लंबे पूंजीवादी संकट की आशंका के लिए भी खुद को तैयार करना है। संपादकीय में दावा किया गया है कि भारत की आर्थिक वृद्धि भी इन विरोधाभासों को परिलक्षित करती है। यही कारण है कि उच्च वृद्धि के दौर में भी कृषि संकट, मजदूरी में ठहराव और बेरोजगारी की बढ़ती समस्या देखने को मिली। पार्टी ने कहा कि इससे श्रमिक वर्ग के गहन शोषण और असमानता में भारी वृद्धि हुई है।
संपादकीय में कहा गया कि पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार 2022-23 में भारत की वास्तविक प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय महामारी से पहले के मुकाबले सिर्फ 2.4 प्रतिशत अधिक रहने वाली है। यह आंकड़ा प्रति वर्ष एक प्रतिशत से कम की वृद्धि दर्शाता है। जबकि इस दौरान मुद्रास्फीति की दरों में तीव्र वृद्धि हुई है।
माकपा का मुखपत्र कहता है कि औद्योगिक क्षेत्र भी बड़े संकट को दर्शा रहा है, जहां 2022-23 में विनिर्माण क्षेत्र में केवल 1.6 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। पार्टी ने आरोप लगाते हुए कहा है, ”मोदी सरकार के वर्ग-पक्षपाती रवैये के चलते पुनरुद्धार बेहद असमान रहा है।”
जीएसटी परिषद ने कर चोरी रोकने के लिए ‘ट्रैक एंड…
19 hours ago