नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए देशभर में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन किया गया है। सरकारी और निजी कर्मचारियों के साथ सभी लोगों को लॉकडाउन के दौरान कारण घर पर ही रहने के निर्देश दिए गए है। ऐसे में जिन्होंने लोन लिया हूआ है उन्हें चिंता सता रही है। इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने टर्म लोन की ईएमआई वसूली तीन महीने तक टालने की बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को इजाजत दे दी है। लेकिन अब भी ग्राहकों को यह मैसेज आ रहा है कि वे ईएमआई के लिए अपने खाते में पर्याप्त बैलेंस रखें। इससे लोग भ्रमित हैं।
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भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह घोषणा की थी कि बैंकों को यह इजाजत दी जा रही है कि वे टर्म लोन के मामले में ग्राहकों की ईएमआई वसूली तीन महीने के लिए टाल दें। कर्ज वापसी न होने को बैंकों को एनपीए खाते में न रखने की छूट दी जाएगी। होम लोन, पर्सनल लोन, एजुकेशनल लोन, कार लोन के अलावा कई तरह के रिटेल या कंज्यूमर लोन टर्म लोन में आते हैं।
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ग्राहकों को इसका फायदा अपने आप मिल जाएगा ये कहना है एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार का। उनके मुताबिक उनकेशुक्रवार को रिजर्व बैंक की घोषणा के तत्काल बाद उन्होंने कहा था, ‘सभी टर्म लोन पर किश्त अपने आप तीन महीने के लिए टल जाएंगे। ग्राहकों को इसके लिए बैंक में आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी.’
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उन्होंने कहा कि नौकरीपेशा लोगों को इस सुविधा से खास फायदा नहीं है और उन्हें डिफाल्ट से बचना चाहिए, क्योंकि आखिर आगे उनके उपर ही ईएमआई और ब्याज का बोझ बढ़ेगा। यह उन लोगों के लिए मुफीद है, जो बिजनेस या कोई ऐसा काम करते हैं, जिसमें लॉकडाउन की वजह से आमदनी नहीं हो पा रही।
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असल में रिजर्व बैंक ने इसका निर्णय बैंकों पर छोड़ दिया है और बैंकों के बोर्ड से मंजूरी के बाद ही इसे लागू किया जाएगा. वैसे एसबीआई इस मामले में लीडर माना जाता है, एसबीआई जो कुछ करता है, बैंक अक्सर उसी का अनुसरण करते हैं.कई बैंकों और वित्तीय संस्थाओं ने इसके लिए अपने ग्राहकों को सूचना भी भेजनी शुरू की है और वे उनकी मेल से उनकी संस्तुति ले रहे हैं कि उन्हें इस सुविधा का फायदा चाहिए या नहीं इसकी जानकारी दें।
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बैंकों से ग्राहकों को जो मैसेज आ रहे हैं, वह एक ऑटोमेटेड सिस्टम की वजह से आ रहे होंगे, जिसके तहत बैंक से एक निश्चित डेट के बाद ग्राहकों को अपने आप मैसेज रिमाइंडर जाने लगते हैं।