अपीलीय न्यायाधिकरण ने दिल्ली जिमखाना क्लब की आम समिति निलंबित करने का आदेश दिया

अपीलीय न्यायाधिकरण ने दिल्ली जिमखाना क्लब की आम समिति निलंबित करने का आदेश दिया

अपीलीय न्यायाधिकरण ने दिल्ली जिमखाना क्लब की आम समिति निलंबित करने का आदेश दिया
Modified Date: November 29, 2022 / 07:58 pm IST
Published Date: February 15, 2021 6:35 pm IST

नयी दिल्ली, 15 फरवरी (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने सोमवार को दिल्ली जिमखाना क्लब की आम समिति को निलंबत करने का आदेश दिया।

समिति ब्रिटिश शासन में बने इस क्लब के प्रबंधन का काम देखती है।

न्यायाधिकरण ने सरकार को प्रशासक नियुक्त करने और अगले अदेश तक क्लब के नये सदस्यों की स्वीकार्यता पर रोक लगाने का भी निर्देश दिया।

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कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के साथ साथ क्लब की और से प्रस्तुत याचिकाओं पर सुनवायी के बा द न्यायाधिकरण ने यह आदेश दिया। दोनों ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) द्वारा पारित अंतरिम अदेश को चुनौती दी थी।

मंत्रालय ने क्लब के मामलों में कुप्रबंधन का हवाला देते हुए आम समिति को हटाने का आग्रह करती रही है।

अपीलीय न्यायाधिकरण के चेयरपर्सन बंसी लाल भट्ट की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने एनसीएलटी के अंतरिम आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया लगता है कि क्लब को जिस तरीके से चलाया रहा है, वह जनहित के लिये ठीक नहीं है।

एनसीएलटी ने 26 जून, 2020 को पारित आदेश में क्लब से जुड़े मामलों और पट्टे पर मिली जमीन की उपयोगिता के मामले की जांच के लिये सरकार से पांच सदस्यीय विशेष समिति गठित करने को कहा था।

एनसीएलएटी ने कड़े शब्दों लिखे 57 पृष्ट के आदेश में टिप्पणी की है कि यह क्लब अंग्रेजी राज के समय का स्मारक जैसा है। इसकी विशिष्ट संस्कृति के नाम पर इसमें प्रवेश केवल कुछ खास लोगों तक सीमित कर दिया गया है। यह एक तरह से नसलभेद है और हमारे संविधान में अभिकल्पित सामाजिक न्याय एवं अवसरों की समानता के लक्ष्यों को क्षति पहुंचाना है।

भाषा

रमण मनोहर

मनोहर


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