नई दिल्ली। आर्थिक संकट से जूझ रही यस बैंक (YES Bank) को बचाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने प्रस्ताव दिया है कि वो LIC के साथ मिलकर 55.56 फीसदी हिस्सेदारी रखेगी। इस 55.56 फीसदी हिस्सेदारी में से SBI 45.74 फीसदी और LIC की 9.81 फीसदी की हिस्सेदारी होगी। इसके अलावा, HDFC Bank और ICICI Bank भी 6.31 फीसदी प्रत्येक और Axis Bank और कोटक महिंद्रा बैंक भी 3.15 फीसदी प्रत्येक की हिस्सेदारी खरीदेंगे।
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वर्तमान में यस बैंक में लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) की 8.06 फीसदी की हिस्सेदारी है, इसके साथ अब इस प्रस्ताव के बाद यस बैंक में LIC की कुल हिस्सेदारी बढ़कर 17.87 फीसदी हो जाएगी।
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शेयरहोल्डिंग स्ट्रक्चर (Yes Bank Shareholding Structure) के नए प्रस्ताव के तहत, एडिशनल टियर 1 बॉन्डहोल्डर्स की 10.73 फीसदी और मौजूदा शेयरहोल्डर्स 14.79 फीसदी हिस्सेदारी हो जाएगी। नए शेयरहोल्डर्स यस बैंक में 11,000 करोड़ रुपये लगाएंगे, जबकि, SBI 7,250 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसके अलावा, LIC 1,350 करोड़ रुपये, HDFC बैंक और ICICI बैंक 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक भी 500-500 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी।
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वित्त मंत्री ने जानकारी दी है कि यस बैंक के रिकन्स्ट्रक्शन प्लान में प्राइवेट लेंडर्स के लिए लॉक इन पीरियड 3 साल होगा। इस दौरान वे अपने स्टेक को 75 फीसदी से कम नहीं कर सकते हैं। वहीं, प्रमुख इन्वेस्टर यानी SBI के लिए भी लॉग इन पीरियड 3 साल के लिए होगा और एसबीआई भी अपनी हिस्सेदारी को इस दौरान 26 फीसदी से कम नहीं कर सकती है।