नईदिल्ली। केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी कटौती का एलान किया है। आरबीआई के ब्याज दर में कटौती के फैसले से बैंकों से लोन लेने वालों के चेहरे खिल उठे हैं। इससे आपकी ईएमआई में कमी आने के आसार तो हैं लेकिन बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरें कम हो सकती हैं। इससे ब्याज आय पर निर्भर लोगों खासतौर से वरिष्ठ नागरिकों को नुकसान होने की आशंका है।
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बता दें कि इस साल यह लगातार पांचवीं बार है, जब आरबीआई ने नीतिगत ब्याज दर में कमी की है। इस फैसले से होम, कार और पर्सनल लोन की ईएमआई घटने का रास्ता साफ हो गया है। बैंक से कर्ज लेने के बारे में सोच रहे नए ग्राहकों के लिए यह कटौती बड़ी राहत है। कारण है कि बैंकों को अपने सभी नए फ्लोटिंग रेट लोनों को बाहरी बेंचमार्क से लिंक करना है। इससे आरबीआई की ओर से नीतिगत दर में कटौती का असर जल्द देखने को मिलेगा।
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रिजर्व बैंक के एलान के बाद अब रेपो दर 5.15 फीसदी रह गई है।वहीं, रिवर्स रेपो रेट 4.90 फीसदी हो गई है। फरवरी 2019 से केंद्रीय बैंक कुल मिलाकर ब्याज दरों में 1.35 फीसदी की कटौती कर चुका है। जो लोग प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पात्र हैं, वे भी लोन लेने के बारे में विचार कर सकते हैं। स्कीम में लोन पर ब्याज सब्सिडी मिलती है। सरकार ने स्कीम की मियाद 31 मार्च, 2020 तक बढ़ा दी है।
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