अमित शाह डेयरी क्षेत्र में बदलाव के लिए ‘श्वेत क्रांति 2.0’ पहल की शुरुआत करेंगे |

अमित शाह डेयरी क्षेत्र में बदलाव के लिए ‘श्वेत क्रांति 2.0’ पहल की शुरुआत करेंगे

अमित शाह डेयरी क्षेत्र में बदलाव के लिए ‘श्वेत क्रांति 2.0’ पहल की शुरुआत करेंगे

:   Modified Date:  September 18, 2024 / 08:47 PM IST, Published Date : September 18, 2024/8:47 pm IST

नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) सहकारिता मंत्री अमित शाह बृहस्पतिवार को डेयरी क्षेत्र में बदलाव के लिए ‘श्वेत क्रांति 2.0’ सहित तीन प्रमुख पहल की शुरुआत करेंगे।

श्वेत क्रांति 2.0 के अलावा, अन्य दो पहल में डेयरी किसानों को सूक्ष्म-एटीएम और रुपे-किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण शामिल है, जिसका उद्देश्य उनकी वित्तीय पहुंच को बढ़ाना है।

श्वेत क्रांति 2.0 का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में डेयरी सहकारी समितियों द्वारा दूध की खरीद में 50 प्रतिशत की वृद्धि करना है।

सहकारिता मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य उन गांवों और पंचायतों में डेयरी किसानों तक पहुंच प्रदान करना है, जहां दूध की खरीद नहीं हो पाती है, जिससे दूध की खरीद में संगठित क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़े।’’

इस योजना में एक लाख मौजूदा जिला सहकारी समितियों, बहुउद्देश्यीय जिला सहकारी समितियों और बहुउद्देश्यीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (एम-पैक्स) की स्थापना और उन्हें मजबूत करना शामिल है। इन्हें दूध के मार्गों से जोड़ा जाएगा, जहां आवश्यक बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया जाएगा।

शुरुआत में, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) अपने स्वयं के संसाधनों से इस पहल को वित्तपोषित करेगा, जो 1,000 एम-पैक्स को 40,000 रुपये प्रति एम-पैक्स प्रदान करेगा। भविष्य में प्रस्तावित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम 2.0 से वित्तपोषण की उम्मीद है।

दूसरी पहल, ‘सहकारी समितियों के बीच सहयोग’, रुपे-किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से डेयरी किसानों को ब्याज मुक्त नकद ऋण प्रदान करेगी। अधिकारी ने बताया, ‘‘इससे उन किसानों को काफी बचत होगी जो वर्तमान में 24 प्रतिशत ब्याज पर ऋण लेते हैं।’’

इसके अतिरिक्त, डेयरी सहकारी समितियों को सूक्ष्म-एटीएम वितरित किए जाएंगे, जो उन्हें जिला ऋण सहकारी बैंकों के लिए बैंक-मित्र में बदल देंगे। इस कदम का उद्देश्य किसानों के दरवाजे तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचाना और सहकारी निधि को क्षेत्र के भीतर रखना है।

मंत्रालय ने 67,930 ‘पैक्स’ के कम्प्यूटरीकरण की भी योजना बनाई है, जिससे संभावित रूप से लगभग 13 करोड़ किसानों को लाभ होगा। अगले पांच वर्षों में सभी ग्राम पंचायतों में एक लाख नए बहुउद्देशीय पैक्स, डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियां बनाने की कार्ययोजना तैयार की गई है।

ये पहल डेयरी क्षेत्र को विकसित करने, घरेलू मांग को पूरा करने के लिए दूध उत्पादन बढ़ाने और निर्यात क्षमता का दोहन करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा हैं। सरकार ने संबंधित परियोजनाओं के लिए विभिन्न संगठनों के साथ समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें जैविक उत्पादों की खरीद और एथनॉल उत्पादन के लिए मक्का संकर का विकास शामिल है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय अनुराग

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