नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) देश के रियल एस्टेट क्षेत्र में वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) के जरिये निवेश एक दशक से अधिक समय में लगभग 75,500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह इस मार्ग के माध्यम से कुल प्रवाह में 17 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ सभी क्षेत्रों में सबसे अधिक है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
रियल एस्टेट के बारे में परामर्श देने वाली एनारॉक ने सोमवार को कहा कि पिछले दस साल में भारत में एआईएफ ने प्रभावशाली वृद्धि दिखाई है। सभी क्षेत्रों में से, रियल एस्टेट पूरे देश में एआईएफ निवेश के लिए अग्रणी विकल्प के रूप में सामने आया है।
परामर्श कंपनी ने कहा, “एनारॉक ने बाजार नियामक सेबी के हाल के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) तक विभिन्न क्षेत्रों में किए गए कुल 4,49,384 करोड़ रुपये के एआईएफ निवेश में से रियल एस्टेट का हिस्सा सबसे अधिक 17 प्रतिशत (लगभग 75,468 करोड़ रुपये) था।”
एआईएफ निवेश से लाभान्वित होने वाले अन्य क्षेत्रों में आईटी/आईटीईएस, वित्तीय सेवाएं, एनबीएफसी, बैंक, फार्मा, एफएमसीजी, खुदरा, नवीकरणीय ऊर्जा, आदि हैं।
एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, “चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के अंत तक एआईएफ के माध्यम से रियल एस्टेट क्षेत्र में कुल निवेश बढ़कर 75,468 करोड़ रुपये हो गया है, जो पिछले वित्त वर्ष (2023-24) के अंत तक 68,540 करोड़ रुपये था। यह वित्त वर्ष की छमाही में 10 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि है।”
अन्य क्षेत्रों में, एनारॉक के आंकड़ों से पता चला है कि एआईएफ द्वारा आईटी/आईटीईएस क्षेत्र में निवेश 27,815 करोड़ रुपये, वित्तीय सेवाओं में 25,782 करोड़ रुपये, एनबीएफसी में 21,503 करोड़ रुपये, बैंकों में 18,242 करोड़ रुपये, फार्मा में 17,272 करोड़ रुपये, एफएमसीजी (दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाले) में 11,680 करोड़ रुपये, खुदरा में 11,379 करोड़ रुपये, नवीकरणीय ऊर्जा में 10,672 करोड़ रुपये और अन्य में 2,29,571 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है।
एनारॉक ने कहा कि भारत में एआईएफ में निवेश के लिए उपलब्ध कोषों की संख्या में हाल के वर्षों में पर्याप्त वृद्धि हुई है।
भाषा अनुराग रमण
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