(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, 27 दिसंबर (भाषा) विमानन कंपनी एयर इंडिया के प्रमुख कैंपबेल विल्सन ने शुक्रवार को कहा कि 2025 तक कंपनी की विभिन्न प्रमुख पहलों पर प्रगति देखने को मिलेगी, जिसमें चौड़े तथा छोटे आकार के विमानों की मरम्मत शामिल है।
विल्सन ने कहा कि साथ ही विमानन कंपनी अपने कामकाज के तरीकों और प्रक्रियाओं को भी मजबूत करेगी, जिससे अंततः वह लाभ में आ जाएगी।
जनवरी 2022 में घाटे में चल रही एयर इंडिया को सरकार से अपने नियंत्रण में लेने के बाद से टाटा समूह विमानन कंपनी को फिर से पटरी पर लाने के लिए महत्वाकांक्षी परिवर्तन योजना पर काम कर रहा है। इसने हाल ही में 100 और विमानों के लिए ऑर्डर भी दिए हैं।
विल्सन ने शुक्रवार को कर्मचारियों को अपने संदेश में कहा, ‘‘ 2024 में कुछ सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल होंगी, जिनमें एयर इंडिया एक्सप्रेस और एयरएशिया इंडिया तथा विस्तारा का एयर इंडिया के साथ विलय शामिल है, जो हमें राजस्व के हिसाब से टाटा समूह में चौथा सबसे बड़ा व्यवसाय बना देगा।’’
एयर इंडिया समूह दोनों ब्रांड के 300 विमानों का परिचालन करता है, जो प्रतिवर्ष छह करोड़ से अधिक लोगों की भारत तथा दुनियाभर में 100 से अधिक स्थानों तथा गंतव्यों तक यात्रा सुनिश्चित करता है।
विल्सन ने 2024 को कई मायनों में एयर इंडिया और भारतीय विमानन के लिए एक परिवर्तनकारी वर्ष बताते हुए कहा कि 2025 में विमानन कंपनी की कई और प्रमुख पहलों पर प्रगति देखी जाएगी, जैसे कि नई सीटों तथा सेवाओं के साथ चौड़े आकार और संकीर्ण आकार के विमानों को फिर से तैयार करना।
एयर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक विल्सन ने इस बात पर भी जोर दिया कि विमानन कंपनी अपनी कार्यप्रणाली और प्रक्रियाओं को सुदृढ़ बनाएगी ताकि ‘‘ हम न केवल सुसंगत रहें, बल्कि अंततः मुनाफे में आ सकें। ’’
वित्त वर्ष 2023-24 में एयर इंडिया का घाटा 2022-23 के 11,387.96 करोड़ रुपये से कम होकर 4,444.10 करोड़ रुपये रह गया। गत वित्त वर्ष में इसका कारोबार सालाना आधार पर 23.69 प्रतिशत बढ़कर 38,812 करोड़ रुपये हो गया।
इस महीने की शुरुआत में एयर इंडिया ने 100 और एयरबस विमान का ऑर्डर दिया है जिसमें 10 चौड़े आकार के ए350 और 90 संकीर्ण आकार के ए320 विमान शामिल हैं। कुल 570 विमानों का ऑर्डर दिया गया है।
भाषा निहारिका मनीषा
मनीषा