एआईपीईएफ का बिजली मंत्री खट्टर से क्षेत्र में निजीकरण समाप्त करने का आग्रह

एआईपीईएफ का बिजली मंत्री खट्टर से क्षेत्र में निजीकरण समाप्त करने का आग्रह

  •  
  • Publish Date - July 4, 2024 / 06:48 PM IST,
    Updated On - July 4, 2024 / 06:48 PM IST

नयी दिल्ली, चार जुलाई (भाषा) अखिल भारतीय विद्युत अभियंता महासंघ (एआईपीईएफ) ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल खट्टर से निजीकरण को समाप्त करने और देश को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कंपनियों के शीर्ष प्रबंधन में पात्र इंजीनियरों को तैनात करने का आग्रह किया।

बयान में कहा गया कि एआईपीईएफ के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने ऊर्जा मंत्री को ज्ञापन सौंपा, जिसमें क्षेत्र से संबंधित विभिन्न मुद्दे उठाए गए।

इसमें कहा गया है कि ऊर्जा क्षेत्र और बिजली उपभोक्ताओं के व्यापक हित में बिजली (संशोधन) विधेयक का प्रस्ताव अभी नहीं लाया जाना चाहिए।

साथ ही महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा जैसे राज्यों में निजीकरण और शहरी वितरण फ्रेंचाइजी के असफल प्रयोग को वापस लिया जाना चाहिए।

इसमें यह भी मांग की गई कि कोयले के लगातार बढ़ते उत्पादन को देखते हुए बिजली उत्पादन घरों को अनिवार्य रूप से कोयला आयात करने के निर्देश वापस लिए जाएं।

संस्था ने यह भी कहा कि ऊर्जा क्षेत्र को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए देश के सभी विद्युत कंपनियों में शीर्ष प्रबंधन पदों पर विशेषज्ञ इंजीनियरों की नियुक्ति की जानी चाहिए।

चेयरमैन के अलावा प्रतिनिधिमंडल में महासचिव पी रत्नाकर राव, मुख्य संरक्षक पदमजीत सिंह, सत्यपाल, यशपाल शर्मा, प्रशांत चतुर्वेदी और ए के जैन शामिल थे।

ज्ञापन में कहा गया है कि विद्युत (संशोधन) विधेयक का मुख्य उद्देश्य निजी घरानों को बिजली वितरण के क्षेत्र में लाइसेंस देना और उन्हें सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली वितरण कंपनियों के नेटवर्क का उपयोग करने की अनुमति देना है। पहले निजी क्षेत्र के बिजली घरों के लिए सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध कराना अनिवार्य नहीं था।

भाषा अनुराग अजय

अजय