ज्योतिष की जगह नहीं ले रहा, बल्कि उसे आगे बढ़ा रहा है एआई

ज्योतिष की जगह नहीं ले रहा, बल्कि उसे आगे बढ़ा रहा है एआई

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  • Publish Date - January 26, 2025 / 02:04 PM IST,
    Updated On - January 26, 2025 / 02:04 PM IST

(अदिति कश्यप)

नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) प्रौद्योगिकी और परंपरा के रोमांचक मेल में, कृत्रिम मेधा (एआई) देश में ज्योतिष क्षेत्र को नया आकार दे रही है। यह व्यक्तिगत सोच तक त्वरित पहुंच को सक्षम कर रही है, और नवीन डिजिटल मंचों के माध्यम से अपने भविष्य के बारे में जानने को उत्सुक प्रौद्योगिकी-प्रेमी पीढ़ी को आकर्षित कर रही है।

उद्योग विशेषज्ञों का मानना ​​है कि भविष्य में एआई मानव ज्ञान और विशेषज्ञता की जगह लेने के बजाय उसकी पूरक होगा। यह दिलचस्प मिश्रण सिर्फ एक गुजरता हुआ चलन नहीं है, बल्कि यह भारत में लाखों लोगों के सितारों और उनके भाग्य से जुड़ने के तरीके को बदल रहा है।

एस्ट्रोसेज एआई के संस्थापक पुनीत पांडेय ने कहा, “भारत में एआई, कुंडली को डिजिटल बनाकर, तत्काल व्यक्तिगत कुंडली पढ़ने की पेशकश करके और उपयोगकर्ताओं को किसी भी समय, कहीं भी ज्योतिषीय मार्गदर्शन प्राप्त करने में सक्षम बनाकर पारंपरिक प्रथाओं को बदल रहा है, जिससे ज्योतिष अधिक सुलभ और लोकप्रिय हो गया है।”

उन्होंने कहा, “हमारे एआई ज्योतिषी कुछ ही सेकंड में जवाब दे सकते हैं। ये जवाब न केवल त्वरित हैं बल्कि अधिक सटीक भी हैं जो उपयोगकर्ताओं के साथ गहराई से जुड़ते हैं।”

पांडेय ने कहा कि एआई-आधारित ज्योतिष ऐप उपयोगकर्ता-अनुकूल इंटरफेस प्रदान करते हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं के लिए बातचीत करना और उपयोगी जानकारी प्राप्त करना आसान हो जाता है और इसमें दैनिक भविष्यवाणियां, अनुकूलता रिपोर्ट और व्यक्तिगत सलाह जैसी विभिन्न अतिरिक्त सुविधाएं होती हैं।

उन्होंने कहा कि एस्ट्रोसेज के एआई फीचर ने 2024 में शुरुआत के बाद से 2.5 करोड़ से अधिक प्रश्नों का उत्तर दिया है, जो सकारात्मक उपयोगकर्ता प्रतिक्रिया को दर्शाता है।

इस परिवर्तन के मूल में परिष्कृत प्रौद्योगिकी है। बड़े भाषा मॉडल (एलएलएम) और मशीन लर्निंग एल्गोरिदम ज्योतिषीय डेटा के प्रसंस्करण में सहायता कर रहे हैं।

इंस्टाएस्ट्रो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नितिन वर्मा ने कहा, “हम ज्योतिष को डिजिटल युग में लाने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकियों के मिश्रण का उपयोग करते हैं। चलन को पहचानने और भविष्यवाणियों को बेहतर बनाने में मशीन लर्निंग बड़ी भूमिका निभाती है। प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण हमें सहज ज्ञान युक्त चैटबॉट बनाने में मदद करता है जो ऑफलाइन उपयोगकर्ता सवालों को समझते हैं और उनका जवाब देते हैं।”

वर्मा ने कहा कि “बिग डेटा एनालिटिक्स हमें वर्षों की ज्योतिषीय अंतर्दृष्टि को संसाधित करने में सक्षम बनाता है, जबकि अनुशंसा एल्गोरिदम उपयोगकर्ताओं को उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर सही ज्योतिषियों से मिलाने में मदद करता है।”

एस्ट्रोयोगी के सह-संस्थापक और मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) आदित्य कपूर ने कहा, “उच्च सोशल मीडिया उपयोग वाले शहरों में, हमारे ज्योतिष उत्साही लोगों में ‘जेन-जेड’ की संख्या 60 प्रतिशत से अधिक है। दिलचस्प बात यह है कि इनमें से लगभग 55 प्रतिशत युवा उपयोगकर्ता विशेष रूप से हमारे एआई-आधारित मंच के माध्यम से संबंधों के मार्गदर्शन की तलाश करते हैं।”

भाषा अनुराग अजय

अजय

अनुराग