कृत्रिम मेधा पर परामर्श बड़े मंचों के लिए, स्टार्टअप के लिए नहीं: राजीव चंद्रशेखर

कृत्रिम मेधा पर परामर्श बड़े मंचों के लिए, स्टार्टअप के लिए नहीं: राजीव चंद्रशेखर

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  • Publish Date - March 4, 2024 / 03:48 PM IST,
    Updated On - March 4, 2024 / 03:48 PM IST

नयी दिल्ली, चार मार्च (भाषा) इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार को कहा कि सरकार का कृत्रिम मेधा (एआई) पर परामर्श बड़ी कंपनियों और परीक्षण के दौर से गुजर रहे मंचों के लिए है। यह स्टार्टअप इकाइयों पर लागू नहीं होता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संबंधित प्रश्नों पर गूगल के कृत्रिम मेधा मंच की प्रतिक्रिया पर विवाद के बाद, सरकार ने एक मार्च को सोशल मीडिया और अन्य मंचों के लिए परामर्श जारी किया। इसमें परीक्षण स्तर पर एआई मॉडल को चिन्हित करने और गैरकानूनी सामग्री हटाने की बात शामिल है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मध्यस्थों और मंचों को जारी परामर्श में नियमों का अनुपालन नहीं करने की स्थिति में आपराधिक कार्रवाई की चेतावनी दी है।

चन्द्रशेखर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा है, ‘‘जो परामर्श जारी किये गये हैं, वे बड़े मंचों के लिए है।’’

मंत्रालय से अनुमति की बात केवल बड़े मंचों के लिए है और यह बात स्टार्टअप पर लागू नहीं होगी। परामर्श का उद्देश्य बिना परीक्षण वाले एआई मंचों को भारतीय इंटरनेट पर उपयोग करने से रोकना है।’’

सभी डिजिटल मंचों को यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि अगर वे कृत्रिम मेधा मॉडल, बड़े भाषा मॉडल, ‘जेनरेटिव’ एआई, सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रहे हैं, तो उसमें कोई भी गैरकानूनी सामग्री नहीं हो। वे ऐसी किसी भी गलत सामग्री को प्रदर्शित, अपलोड, प्रसारित आदि करने की अनुमति नहीं देंगे।

परामर्श में परीक्षण के स्तर पर, गैर-भरोसेमंद एआई मॉडल, जेनरेटिव एआई आदि का उपयोग और उपयोगकर्ताओं के लिए इसकी उपलब्धता सरकार की स्पष्ट अनुमति के साथ होगी। साथ ही इंटरनेट पर उपयोगकर्ताओं के लिए इसकी उपलब्धता उपयुक्त जानकारी वाला ‘लेबल’ लगाने के बाद ही उसे रखने को कहा गया है।

चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘अनुमति लेने की प्रक्रिया, लेबलिंग और परीक्षण के दौर से गुजर रहे मंचों के बारे में उपयोगकर्ता के लिए खुलासा, मंचों के लिए बीमा पॉलिसी है। ऐसा नहीं होने पर उपभोक्ता मुकदमा दायर कर सकता है। भारत के इंटरनेट की सुरक्षा और भरोसा सरकार, उपयोगकर्ताओं और मंचों के लिए एक साझी जिम्मेदारी और लक्ष्य है।’’

उल्लेखनीय है कि गूगल के कृत्रिम मेधा मंच जेमिनी ने प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों के बारे में विवादित टिप्पणियां कीं।

प्रधानमंत्री के बारे में पूछे गए सवालों पर जेमिनी की प्रतिक्रिया पर सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। चंद्रशेखर ने इसे आईटी कानून का उल्लंघन बताया।

भाषा रमण अजय

अजय