एआई एक निर्णायक मोड़, भविष्य के लिए कर्मचारियों को तैयार करने की जरूरत: टीसीएस अधिकारी

एआई एक निर्णायक मोड़, भविष्य के लिए कर्मचारियों को तैयार करने की जरूरत: टीसीएस अधिकारी

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  • Publish Date - January 30, 2025 / 05:02 PM IST,
    Updated On - January 30, 2025 / 05:02 PM IST

(कुणाल दत्त)

रियाद, 30 जनवरी (भाषा) टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जनरेटिव एआई को मानव विकास में निर्णायक मोड़ करार देते हुए कहा है कि कृत्रिम मेधा (एआई) पहली बार ज्ञान आधारित कामगारों को प्रभावित करेगी।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार इस तेजी से बदलते माहौल में प्रासंगिक बने रहने के लिए मानव कौशल को भी बढ़ाना होगा।

टीसीएस के अध्यक्ष और प्रमुख (पश्चिम एशिया और अफ्रीका व्यापार क्षेत्र) सुमंत रॉय ने कहा कि उनकी कंपनी कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण दे रही है कि संवेदनशील श्रृंखला में सबसे कमजोर हिस्सा समझौता न करे।

उन्होंने रियाद में एक वैश्विक सम्मेलन के दौरान पीटीआई-भाषा को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा कि श्रृंखला में सबसे कमजोर कड़ी अब भी ‘मानव’ हैं, न कि मशीनें। मशीनें अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी की मदद से जटिल भविष्य को संचालित करने के साथ ही अधिक बुद्धिमान होती जा रही हैं।

दुबई में रहने वाले रॉय यहां किंग अब्दुलअजीज इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर में आयोजित वैश्विक श्रम बाजार सम्मेलन (जीएलएमसी) के दूसरे संस्करण में भाग लेने आए हैं।

इस श्रम सम्मेलन में 100 से अधिक देशों के नीति-निर्माता, उद्योगपति, विद्वान, नवोन्मेषक और क्षेत्र विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं।

रॉय ने कहा कि जब भी प्रौद्योगिकी में बदलाव होता है या नई प्रौद्योगिकी आती है, तो लोगों को लगता है कि इससे उनकी नौकरियों पर असर पड़ेगा। आमतौर पर इससे श्रम प्रधान नौकरियां प्रभावित होती थीं, लेकिन जनरेटिव एआई के साथ पहली बार ज्ञान आधारित कामगार प्रभावित होंगे।

यह पूछने पर कि 5-10 साल बाद एआई का क्या प्रभाव होगा, उन्होंने कहा, ‘‘इसे बताना बहुत मुश्किल है। मुझे यह भी नहीं पता कि अगले महीनों में क्या होगा, 4-5 साल बहुत लंबा समय है।’’

भाषा पाण्डेय अजय

अजय