अदाणी समूह की वित्तीय स्थिति हिंडनबर्ग रिपोर्ट के समय से अब बेहतरः बर्नस्टीन

अदाणी समूह की वित्तीय स्थिति हिंडनबर्ग रिपोर्ट के समय से अब बेहतरः बर्नस्टीन

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  • Publish Date - December 3, 2024 / 04:29 PM IST,
    Updated On - December 3, 2024 / 04:29 PM IST

नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) अमेरिका की शोध कंपनी बर्नस्टीन ने कहा है कि अदाणी समूह की वित्तीय स्थिति उस समय की तुलना में अब बेहतर है जब समूह अमेरिकी शोध एवं निवेश फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की प्रतिकूल रिपोर्ट की चपेट में आया था।

बर्नस्टीन ने अपनी एक रिपोर्ट में अदाणी समूह के प्रवर्तकों द्वारा गिरवी रखे गए शेयरों में नाटकीय रूप से कमी आने और कम कर्ज जुटाने का हवाला देते हुए यह दावा किया है।

इसके साथ ही अमेरिकी कंपनी ने कहा है कि गौतम अदाणी की अगुवाई वाले समूह से जुड़े जोखिम दो साल पहले की तुलना में कम हो गए हैं।

हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी, 2023 में जारी अपनी रिपोर्ट में समूह पर वित्तीय खातों में धोखाधड़ी और शेयरों के भाव में हेराफेरी करने का आरोप लगाया था। इस रिपोर्ट के बाद दो महीनों में ही समूह की कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में भारी गिरावट आई थी।

अदाणी समूह हिंडनबर्ग रिसर्च के झटके से धीरे-धीरे उबरने में सफल रहा। हालांकि बीच में भी उस पर कुछ आरोप लगते रहे। लेकिन हाल ही में 21 नवंबर को अमेरिका में समूह के चेयरमैन अदाणी और उनके कुछ करीबी सहयोगियों के खिलाफ रिश्वत से संबंधित मामले में अभियोग दायर कर दिया गया है।

समूह ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के साथ-साथ पिछले महीने अमेरिकी अधिकारियों द्वारा लगाए गए आरोपों से भी बार-बार इनकार किया है।

बर्नस्टीन ने कहा कि पिछले दो वर्षों में समूह के कर्ज जुटाने, शेयर गिरवी रखने, ऋण चुकाने और सापेक्ष मूल्यांकन की स्थिति में आए सुधार पर नजर डालकर उसने जोखिम का आकलन करने की कोशिश की है।

उसने कहा है कि समूह अब बिना किसी शेयर-गिरवी, कम कर्ज जुटाने, कर्ज भुगतान और बेहतर मूल्यांकन के साथ बहुत मजबूत स्थिति में है।

बर्नस्टीन ने कहा, ‘यदि हम समूह के लिए शेयर गिरवी रखने की घटना को देखें, तो इसकी कंपनियों में नाटकीय गिरावट आई है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां समूह ने पिछले 1.5 वर्षों में महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं।’

मसलन, अदाणी पावर में शेयर गिरवी रखना 25 प्रतिशत से घटकर एक प्रतिशत पर आ गया है। वहीं अदाणी पोर्ट्स में यह 17 प्रतिशत से घटकर शून्य हो गया है।

इसके अलावा अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस को छोड़कर समूह में प्रवर्तक हिस्सेदारी भी बढ़ी है। साथ ही हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद समूह का कुल ऋण भी घट गया है, जो मार्च 2023 में 2.41 लाख करोड़ रुपये से घटकर सितंबर 2023 में 2.38 लाख करोड़ रुपये रह गया है।

हालांकि बर्नस्टीन की रिपोर्ट के मुताबिक, उसके बाद से कर्ज थोड़ा बढ़ा है, लेकिन इस दौरान इसका मुनाफा और भी बढ़ गया है। इससे हिंडनबर्ग घटना से पहले समूह का कर्ज जुटाना 3.8 गुना से घटकर 2.5 गुना से भी कम रह गया है।

ऋण के बारे में शोध कंपनी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में अदाणी समूह अपने वित्तपोषण स्रोतों में विविधता लेकर आया है। इसने घरेलू बैंकों (सार्वजनिक और निजी दोनों) पर निर्भरता कम की है और बॉन्ड एवं अंतरराष्ट्रीय बाजारों से अधिक धन जुटाया है।

रिपोर्ट कहती है, ‘वित्त वर्ष 2015-16 में समूह के कर्ज में बैंकों की हिस्सेदारी 86 प्रतिशत थी लेकिन वह घटकर वित्त वर्ष 2023-24 में सिर्फ 15 प्रतिशत रह गई। इसके अलावा बॉन्ड की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2015-16 के 14 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 31 प्रतिशत हो गई।

बर्नस्टीन का मानना है कि समूह के नकद भंडार में भी पिछले डेढ़ साल में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। मार्च, 2023 में इसका नकद भंडार 22,300 करोड़ रुपये था जो सितंबर 2024 में 39,000 करोड़ रुपये हो गया।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण

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